loader

गोल्डी बराड़ से गुरपतवंत सिंह पन्नू तक, कनाडा में बसी आतंकियों और गैंगस्टर्स की फौज! देखें पूरी लिस्ट

From Goldie Brar to Gurpatwant Singh Pannu, an army of terrorists and gangsters settled in Canada! See full list

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के हालिया आरोपों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओटावा की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाई है। ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाया, जबकि उन्होंने खुद अपनी सरकार की भूमिका पर ध्यान नहीं दिया। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिक कनाडा में मोदी सरकार के खिलाफ असहमत लोगों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। इन आरोपों के बीच, भारत ने बार-बार कनाडा से खालिस्तानी आतंकियों और अपराधियों के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन ओटावा ने हमेशा इनकार किया है। इस संदर्भ में कई ऐसे गैंगस्टर्स, जैसे गोल्डी बराड़, अर्श दल्ला, रमन जज, गुरप्रीत सिंह और लखबीर सिंह लांडा, भारतीय एजेंसियों के रडार पर हैं, जो कनाडा में पनाह लिए हुए हैं।

मूसेवाला की हत्या में था कनाडा का कनेक्शन

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या 29 मई 2022 को हुई थी, जिसके पीछे कनाडा का कनेक्शन सामने आया था। इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड गोल्डी बराड़ था, जिसने कनाडा में बैठकर पूरी साजिश रची। सिद्धू की हत्या के बाद से ही यह सवाल उठने लगा है कि कनाडा में ऐसे कई खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टर्स को पनाह क्यों मिली हुई है, जो वहां रहकर भारत के खिलाफ अपने एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं।

ये  भी पढ़ें- जानिए कौन है कनाडाई सिख नेता जगमीत सिंह, जिसने कनाडा में RSS पर बैन लगाने की मांग की

कनाडा की असलियत

भारत ने बार-बार कनाडा से मांग की है कि वह इन आतंकियों और गैंगस्टरों का प्रत्यर्पण करे, लेकिन ओटावा ने लगातार इनकार किया है। इन गैंगस्टरों में गोल्डी बराड़, अर्श दल्ला, रमन जज, गुरप्रीत सिंह और लखबीर सिंह लांडा जैसे नाम शामिल हैं। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कनाडा के पास 26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं, जो पिछले एक दशक से भी अधिक समय से हैं।

हरदीप सिंह निज्जर

निज्जर का मर्डर

18 जून 2023 को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कनाडा के सर्रे शहर के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में हुई। निज्जर भारत में कई गंभीर अपराधों का आरोपी था और उसका नाम 41 आतंकियों की लिस्ट में शामिल था, जिसे भारत सरकार जिंदा या मुर्दा तलाश रही थी। एनआईए ने निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उसकी हत्या के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना सबूत के भारत पर आरोप लगाया कि भारत सरकार इस हत्या में शामिल थी। इससे भारत और कनाडा के संबंधों में और दरार आई।

भारत ने कई बार कनाडाई सरकार को सुरक्षा संबंधी जानकारी दी है, लेकिन कनाडा ने इन अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जिन आतंकियों पर भारत की एजेंसियों ने नजर रखी है, उनमें से कुछ के नाम..

गैंगस्टर का नाम असली नाम गैंग/समुह आरोप
गोल्डी बराड़ सतिंदरजीत सिंह बिश्नोई गैंग सिद्धू मूसेवाला की हत्या का जिम्मेदार
संदीप सिंह संधू निकनेम: सनी आईएसआई के संपर्क में पंजाब में आतंकी गतिविधियाँ, बलविंदर की हत्या
अर्शदीप सिंह गिल अर्श डल्ला खालिस्तान टाइगर फोर्स हत्याएं, रंगदारी और अन्य गंभीर अपराध
चरणजीत सिंह रिंकू रंधारा हरदीप निज्जर के लिए भी काम किया करता था। फर्जी दस्तावेजों पर कनाडा भागा, खालिस्तानी सहयोगी
रमनदीप सिंह रमन जज जयपाल भुल्लर गैंग हत्या, रंगदारी समेत 10 से अधिक मामलों में आरोपी
लखबीर सिंह लांडा लांडा हत्या, हत्या की कोशिश, RPG हमले में आरोपी
गुरपिंदर सिंह बाबा डल्ला निज्जर और KTF का सहयोगी, कई मुकदमे
गुरपतवंत सिंह पन्नू पन्नू ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन सिख फॉर जस्टिस संगठन का मुखिया पन्नू भारत का वांटेड आतंकी है. पूरे देशभर में उसके खिलाफ 16 केस दर्ज हैं. दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में खालिस्तानी मूवमेंट को लेकर उस पर ये केस दर्ज किए गए हैं.

सवालों के घेरे में कनाडा

कनाडा क्यों भारत के दुश्मनों का पनागाह बन गया है? इसके पीछे का कारण कनाडा की आंतरिक राजनीति है, जिसमें खालिस्तानी तत्वों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। पीएम ट्रूडो की सरकार एनडीपी पार्टी की बैसाखी पर टिकी है, जो खालिस्तान के समर्थन में है। यह स्थिति ट्रूडो के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है, क्योंकि वह अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए ऐसे तत्वों के हाथों में खेल रहे हैं।

भारत ने अब तक 7 ऐसे गैंगस्टरों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है, जो कनाडा में छिपे हुए हैं। भारत सरकार ने इन आतंकियों का नाम अपनी मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल किया है। भारत ने कई बार कनाडा को सबूत और डोजियर भेजे हैं, लेकिन कनाडाई सरकार ने कभी भी इन आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

कनाडा की कुल आबादी में लगभग 24 लाख भारतीय मूल के लोग हैं, जिनमें 7 लाख सिख हैं

कनाडा की स्थिति और उसके भारत के प्रति रुख ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत सरकार को उम्मीद है कि इन आतंकियों का कनाडा से प्रत्यर्पण संभव हो सकेगा, लेकिन इसके लिए कनाडाई सरकार का सहयोग आवश्यक है। हालांकि, पुराने अनुभव यह संकेत करते हैं कि इस दिशा में अपेक्षा कम हैं। कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई आवश्यक है, ताकि भारत के खिलाफ उनकी गतिविधियों को रोका जा सके।

ये भी पढ़ें- भारत-कनाडा विवाद में लॉरेंस विश्नोई की एंट्री, ट्रूडो सरकार ने लगाए अब ये नए आरोप

कनाडा के सिख समुदाय में भी ऐसे लोग हैं जो खालिस्तानी समर्थक हैं। कनाडा की कुल आबादी में लगभग 24 लाख भारतीय मूल के लोग हैं, जिनमें 7 लाख सिख हैं। इनमें से कुछ लोग कनाडा में अपनी राजनीतिक पहचान के लिए खालिस्तानी विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं।

भारत के वो मोस्ट वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकी जो विदेशी जमीन पर मारे गए

भारत के मोस्ट वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकियों की सूची में हाल के वर्षों में कई प्रमुख नाम शामिल हुए हैं, जिनकी मौत विदेशी धरती पर हुई है। ये आतंकी लंबे समय से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए थे।

तारीख आतंकी का नाम स्थान घटना का विवरण
6 मई 2023 परमजीत सिंह पंजवड़ लाहौर, पाकिस्तान खालिस्तान कमांडो फोर्स का चीफ, गुमनाम कातिलों द्वारा गोली मारकर हत्या। 1990 में भारत से भागा और पाकिस्तान में आईएसआई के साथ काम करता रहा।
14 जून 2023 अवतार सिंह खंडा ब्रिटेन रहस्यमय परिस्थितियों में मौत; मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार ब्लड कैंसर। कहा जाता है कि उसने अमृतपाल को खालिस्तानी गतिविधियों के लिए प्रेरित किया।
18 जून 2023 हरदीप निज्जर कनाडा खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ, कनाडा के सर्रे में गोली मारकर हत्या। भारत सरकार द्वारा डेजिग्नेटेड आतंकी। उसके दो साथियों को कुछ समय पहले गिरफ्तार किया गया था।

पन्नू को भी सता रहा मौत का डर

आखिर में बात करते हैं गुरपतवंत सिंह पन्नू की । ये माहौल पन्नू के चिंताजनक हो गई है, खासकर जब से कई खालिस्तानी आतंकियों की हत्या हुई है। पन्नू अब अपनी जान को लेकर डरा हुआ है। भारत सरकार ने 2020 में उसके खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज कर उसे आतंकवादी करार दिया था।

पंजाब के खानकोट का निवासी पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की और फिर विदेश चला गया। वहां उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर खालिस्तान के नाम पर लोगों को भड़काने का काम शुरू किया। वह अक्सर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बातें करता रहता है।

पन्नू ने अमेरिका में “सिख फॉर जस्टिस” नाम का एक संगठन शुरू किया, जिस पर भारत सरकार ने 2019 में प्रतिबंध लगा दिया। वह अक्सर भोले-भाले युवाओं को पैसे का लालच देकर भड़काने की कोशिश करता है, जिससे भारत में दंगे भड़काने और दहशत फैलाने की उसकी योजना पूरी हो सके। उसकी गतिविधियाँ अब उसके लिए और भी खतरनाक हो गई हैं।

[web_stories title="true" excerpt="false" author="true" date="false" archive_link="false" archive_link_label="" circle_size="150" sharp_corners="false" image_alignment="left" number_of_columns="4" number_of_stories="8" order="DESC" orderby="post_date" view="grid" /]