G20 Summit 2024: ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm modi) ने अपनी कूटनीतिक कुशलता का शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कई देशों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता की। मोदी जी की इन मुलाकातों में गंभीर मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ हंसी-ठहाकों का माहौल भी देखने को मिला।
इटली और फ्रांस के नेताओं से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (Modi Meloni) से मुलाकात की, जिसमें दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी देखने को मिली। इस दौरान उन्होंने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। मोदी जी ने कहा कि भारत-इटली की दोस्ती एक बेहतर ग्रह के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलकर मोदी जी ने गर्मजोशी से गले मिले। दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष, ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। मोदी जी ने मैक्रों को पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की सफल मेजबानी के लिए बधाई भी दी।
ब्रिटेन और अन्य देशों के नेताओं से वार्ता
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात में मोदी जी ने भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, सुरक्षा और नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। इसके अलावा, मोदी जी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो और पुर्तगाल के नेताओं से भी मुलाकात की।
वैश्विक मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण
G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन के ब्राजील के प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने विकासशील देशों की चिंताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि वैश्विक दक्षिण के देश संघर्षों के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से सबसे अधिक प्रभावित हैं। मोदी जी ने टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने और वैश्विक शासन में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
इस G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय भागीदारी ने एक बार फिर भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया है। उनकी कूटनीतिक कुशलता और विभिन्न देशों के नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंधों ने भारत के हितों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह शिखर सम्मेलन न केवल वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का मंच रहा, बल्कि यह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का भी एक अवसर साबित हुआ।