राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Gaganyaan Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन (Gaganyaan Mission Update) पर गए चार भारतीयों को सम्मानित किया। अंतरिक्ष में जाने वाले इन अंतरिक्ष यात्रियों में ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। प्रधानमंत्री मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचे, जहां उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया और भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान इसरो प्रमुख एस सोमनाथ, केरल के सीएम पी विजयन और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi reviews the progress of the Gaganyaan Mission and bestows astronaut wings to the astronaut designates, Group Captain Prashanth Nair, Group Captain Ajit Krishnan, Group Captain Angad Pratap and Wing Commander Shubhanshu Shukla. pic.twitter.com/Yyiv499ARp
— ANI (@ANI) February 27, 2024
क्या है गगनयान मिशन?
गगनयान देश का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष (Gaganyaan Mission Update) में भेजा जाएगा। यह मिशन अगले साल के अंत या 2025 की शुरुआत में भेजा जा सकता है। लक्ष्य 2024 में अंतरिक्ष में एक मानवरहित परीक्षण उड़ान भेजने का है, जो एक वैमानिक रोबोट ले जाएगा। गगनयान मिशन का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मनुष्यों को पृथ्वी की 400 किमी निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।
#WATCH | At Vikram Sarabhai Space Centre (VSSC) in Thiruvananthapuram, PM Modi says "I was very happy to know that most of the equipment used in Gaganyaan is Made in India. What a great coincidence it is that when India is taking off to become the top 3 economy of the world, at… pic.twitter.com/8u9Nf68izn
— ANI (@ANI) February 27, 2024
मानवयुक्त मिशनों में चालक दल की सुरक्षा सर्वोपरि हो
रूसी मिशन सोयुज MS-10 मिशन 11 अक्टूबर 2018 को लॉन्च किया गया था। इस मिशन (Gaganyaan Mission Update) में रूसी एजेंसी रोस्कोस्मोस ने अपने सदस्य एलेक्सी ओवचिनिन और नासा ने अपने सदस्य निक हेग को भेजा था। उड़ान भरने के बाद, मिशन नियंत्रण ने घोषणा की कि बूस्टर विफल हो गया है। 35 वर्षों में यह पहली बार था कि एक रूसी बूस्टर विफल हो गया लेकिन लॉन्च एस्केप सिस्टम की बदौलत चालक दल बच गया। प्रक्षेपण के बाद क्रू कैप्सूल को प्रक्षेपण यान से अलग कर दिया गया। यही कारण है कि इसरो ने रूस के अनुभव से सीखा है कि मानवयुक्त मिशनों में चालक दल की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होनी चाहिए।
After 40 years, India's space dreams are ready to take off! 🚀
This time, it's not just about reaching the stars; it's about showcasing our innovation. Our TIME ticks with pride, our COUNTDOWN ignites excitement, and our ROCKET roars with the spirit of Make in India#Gaganyaan… pic.twitter.com/FNwQJ342B0
— MyGovIndia (@mygovindia) February 27, 2024
जैसे ही गगनयान सफल होगा, भारत विशेष सूची में हो जाएगा शामिल…
यदि गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission Update) सफल होता है, तो भारत उन देशों की एक प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने अपने स्वयं के चालक दल वाले अंतरिक्ष यान लॉन्च किए हैं। वर्तमान में, केवल अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसे देश हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले कैप्टन राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के पहले व्यक्ति थे। 1984 में, राकेश शर्मा ने इसरो और रूस के इंटरकॉस्मिक प्रोग्राम के संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष में आठ दिन बिताए। राकेश उस समय भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर और पायलट थे। कल्पना चावला अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। उनके अलावा सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं।
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