Ganesh Chaturthi 2024: देशभर में आज से गणेशोत्सव की धूम, जानें क्यों होती है इस दिन गणेशजी की पूजा?
Ganesh Chaturthi 2024: देशभर में आज, रविवार, 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर सुबह से ही विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर सभी देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दी हैं।
गणेश चतुर्थी पर्व का आगाज़
इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जा रही है। गणेश चतुर्थी के साथ ही 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई है। भगवान गणेश, जिन्हें हिंदू धर्म में विघ्नहर्ता और प्रथम पूज्य देवता माना जाता है, को घर-घर में पूजा जा रहा है। उनके आगमन की खुशी में देश के विभिन्न हिस्सों में मंदिरों में भव्य आरती और पूजा-अर्चना की जा रही है।
#WATCH मुंबई: गणेश चतुर्थी के अवसर पर सिद्धिविनायक मंदिर में पहली आरती की गई। इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। pic.twitter.com/2zPz5I3PZI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 6, 2024
प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भीड़
मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर पहली आरती धूमधाम से की गई। इस दौरान मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। मुंबई के लालबागचा राजा मंदिर और नागपुर के टेकड़ी गणेश मंदिर में भी भक्तों ने पूजा-अर्चना की। गुजरात के अहमदाबाद में वस्त्रपुर के महागणपति मंदिर में भी सुबह की आरती धूमधाम से की गई।
#WATCH महाराष्ट्र: गणेश चतुर्थी के अवसर पर नागपुर के टेकड़ी गणेश मंदिर में भक्तों ने पूजा-अर्चना की। #GaneshaChaturthi pic.twitter.com/A3iCNtbehv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 7, 2024
क्या है गणेश चतुर्थी कि पौराणिक कथा?
गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। कुछ मान्यताओं के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ने गणेश जी को महाभारत की कथा सुनाई और गणेश जी ने इसे लिपिबद्ध किया। इस लेखन कार्य के दौरान गणेश जी ने 10 दिनों तक एक ही मुद्रा में बैठकर कार्य किया, जिससे उनका शरीर धूल-मिट्टी से ढक गया था। इस दिन को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी की पूजा के नियम
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी को घर लाने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करनी चाहिए और गणेश जी का आसन तैयार करना चाहिए। गणेश जी की पूजा के दिन तक कुछ नहीं खाना चाहिए। उनके घर आने के बाद उनकी पूजा करके ही भोजन करना चाहिए।
10 दिनों तक सात्विक नियमों का पालन करते हुए गणेश जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस तरह, गणेश चतुर्थी एक विशेष पर्व है जो हर साल श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करके भक्त उनके आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं और जीवन में सुख-शांति की कामना करते हैं।
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