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ग्रेटर नोएडा में फ्लैट में गांजा फार्मिंग का भंडाफोड़, डार्क वेब से होती थी सप्लाई

भारत में गांजे की खेती करना अवैध है। लेकिन उत्तर प्रदेश में फ्लैट में गांजा की खेती करने का ये मामला सुनकर आपको होश उड़ जाएंगे। जी हां, उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में गांजा फार्मिंग रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने कार्रवाई के तहत पार्श्वनाथ सोसाइटी में चल रहे अत्याधुनिक गांजा फार्मिंग रैकेट का पुलिस और नारकोटिक्स सेल ने भंडाफोड़ किया है।

फ्लैट पर छापेमारी

बता दें कि पुलिस ने अपने खुफिया जानकारी के आधार पर बीटा-2 थाना, नारकोटिक्स सेल और इकोटेक-1 पुलिस की संयुक्त टीम ने पार्श्वनाथ सोसाइटी के एक फ्लैट पर छापा मारकर प्रीमियम क्वालिटी के गांजे (ओजी) की खेती करने वाले राहुल नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है। दरअसल आरोपी फ्लैट के अंदर हाईटेक तकनीकों की मदद से गांजे की खेती कर डार्क वेब के जरिए इसकी सप्लाई करता था।

फ्लैट में उगाया गांजा

उत्तर प्रदेश की कमिश्नरेट पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चल रहे अभियान में गांजा खेती का पर्दाफाश किया है। पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई में पार्श्वनाथ सोसाइटी में चल रहे अत्याधुनिक गांजा फैक्ट्री को पकड़ा है। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके घर के अंदर ही गांजे की खेती कर रहा था। पुलिस के मुताबिक आरोपी डार्क वेब के माध्यम से इस प्रीमियम गांजे की सप्लाई करता था, पुलिस इस मामले में और जांच कर रही है।

गांजे का इनडोर फार्मिंग

पुलिस की छापेमारी के दौरान सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आई कि आरोपी शख्स इनडोर फार्मिंग के जरिए गांजा उगाकर बाजार में बेच रहा था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस अवैध धंधे में और भी लोग शामिल हैं। पुलिस ने फ्लैट से खेती में इस्तेमाल किए जा रहे उपकरण और नशीले पदार्थ बरामद किए हैं।

भारत में गांजा बैन

बता दें कि भारत में गांजे की खेती या सेवन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। जानकारी के मुताबिक इसका सेवन करते या बेचते पकड़े जाने पर NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। दरअसल भारत में पहले गांजे का इस्तेमाल भी खुले तौर पर किया जा सकता था, लेकिन 1985 के बाद राजीव गांधी सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। राजीव सरकार ने 1985 में नारकोटिक ड्रग और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत गांजे की खेती और इसका सेवन प्रतिबंधित कर दिया था।