पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के एक आरोपी श्रीकांत पंगारकर, एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए हैं। महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और ऐसे में पंगारकर को पार्टी द्वारा चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। यह घटनाक्रम राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
गौरी लंकेश की हत्या का मामला
गौरी लंकेश को 5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी। उनकी हत्या ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी और कर्नाटक पुलिस की SIT ने इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 11 लोग पहले ही जमानत पर बाहर आ चुके हैं।
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पंगारकर को 2018 में गौरी लंकेश हत्या मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने हत्या की साजिश रची थी, साथ ही वाहन और हथियारों की व्यवस्था की थी। वह एक ट्रेनिंग कैंप में भी भाग ले चुके हैं। इसके अलावा, पंगारकर को अवैध हथियारों के मामले में भी आरोपी बनाया गया था, जिसमें उन्हें महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने गिरफ्तार किया था।
जमानत मिलने के बाद का कदम
पिछले महीने कर्नाटक हाई कोर्ट ने पंगारकर को जमानत दे दी, जिसके बाद वह आर्थर रोड जेल से बाहर आए। उनके जेल से बाहर आने के बाद, उन्होंने शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) में शामिल होने का फैसला किया। 18 अक्टूबर को पार्टी नेता और पूर्व राज्य मंत्री अर्जुन खोतकर की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी में शामिल होने की औपचारिकता पूरी की।
खोतकर ने बताया कि पंगारकर को जालना विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कैंपेनिंग का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि पंगारकर पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं और अब वह फिर से सक्रिय हो गए हैं। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या पंगारकर को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि वह केवल पार्टी के लिए काम करेंगे।
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पार्षद रह चुके हैं पंगारकर
पंगारकर पहले जालना नगरपालिका में 2001 से 2006 तक पार्षद रहे हैं, लेकिन 2011 के नगर निगम चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद, वह हिंदू जनजागृति समिति में शामिल हो गए थे। उनकी राजनीति में वापसी के साथ ही उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।