मशहूर उद्योगपति गौतम अडाणी (gautam adani) पर एक बार फिर से धोखाधड़ी का आरोप लगा है। न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान अडाणी (adani port share price) समेत कुल 8 लोगों पर धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि 24 अक्टूबर को यूएस कोर्ट में इस मामले को दर्ज किया गया था। जिसकी सुनवाई बीते बुधवार को हुई।
क्या है आरोप?
यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस के मुताबिक, अडाणी (gautam adani news) ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर, भारती रुपए में लगभग 2200 करोड़ रुपए की रिश्वत दी या देने की प्लालिंग कर रहे थे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अडाणी पर आरोप लगाए गए कि उन्होंने रिश्वत की रकम इकठ्ठा करने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। बता दें कि यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप (adani group) की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक दूसरी फर्म से जुड़ा हुआ है।
किन लोगों पर लगे हैं आरोप
धोखाधड़ी और रिश्वत को लेकर आरोप में अडाणी के अलावा 7 अन्य लोग भी शामिल थे। जिसमें सागर अडाणी (sagar adani) , विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल के नाम शामिल हैं। सागर और विनीत अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं। बता दें कि सागर गौतम अडाणी के भतीजे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट की माने तो, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
अमेरिका में क्यों दर्ज हुआ मामला
अब बात आती है कि अगर यह मामला भारत में सोलर एनर्जी से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट को लेकर है तो अमेरिका में मामला क्यों दर्ज हुआ भारत में क्यों नहीं। दरअसल, अमेरिका में ये मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि इस प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था। इसलिए इस पर अमेरिकी कानून लागू होगा। अमेरिकी कानून मुताबिक, इन्वेटमेंट के पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।
अटॉर्नी ऑफिस ने और क्या आरोप लगाए
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी ऑफिस ने आरोप लगाते हुए कहा कि अडाणी समेत सभी 8 आरोपी भारत सरकार के सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट को पाने के सिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिनियन डॉलर यानी लगभग 2200 करोड़ रुपए की रिश्वत देने को तैयार थे। बता दें कि अगर ये कॉन्ट्रैक्ट उन्हें मिलता तो कंपनी को 20 साल में 2 बिलियन डॉलर यानी 16881 करोड़ रुपए से ज्यादा का लाभ होने का अनुमान था।
अडाणी ने इस कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय अधिकारियों से मुलाकात भी की। इसके लिए सागर और विनीत ने काम करना शुरु कर दिया था और कई दौर की मीटिंग भी की।
कोर्ट में यह भी बताया गया कि साइरिल कैबेनिस, दीपक मल्होत्रा, सौरभ अग्रवाल और रूपेश अग्रवाल ने इस मामले से जुड़ी जांच में ग्रैंड ज्यूरी, FBI और यूएस सिक्टोरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की जांच रोकने की साजिश रची। यही नहीं इन चारों ने इससे जड़े ईमेल, मैसेज और एनालिसिस भी मिटाए।
पहले भी लगे थे आरोप
गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं जब अडाणी ग्रुप पर इस तरह के आरोप लगे हों। बीते साल जनवरी 2023 में गौतम अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लाने का ऐलान किया था। इस ऑफर को 27 जनवरी 2023 को पब्लिक करना था। लेकिन उससे ठीक पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई। लेकिन अडाणी ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया और किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया।
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