एशिया के सबसे अमीर बिज़नेसमैन गौतम अडानी के समूह ने टैक्स पे के मामले में नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है। बता दें कि अडानी ग्रुप ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 58,104.4 करोड़ रुपये का कर अदा किया, जो प्रति घंटे 6.63 करोड़ रुपये के कर भुगतान के बराबर है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2022-23 के 46,610 करोड़ रुपये से लगभग 25% अधिक है।
अड़ानी ग्रुप का टैक्स में बड़ा योगदान
अडानी ग्रुप ने अपनी टैक्स पारदर्शिता रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि इस कर भुगतान में वैश्विक कर, शुल्क, अप्रत्यक्ष कर, और कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा योगदान शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में जहां अडानी ग्रुप का कर भुगतान 46,610.2 करोड़ रुपये था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 58,104.4 करोड़ रुपये हो गया, जो कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और बढ़ते व्यावसायिक प्रभाव को दर्शाता है। अडानी ग्रुप ने बताया कि भुगतान किए गए टैक्स में वैश्विक टैक्स, शुल्क और अदाणी पोर्टफोलियो की कंपनियों द्वारा वहन किए गए अन्य शुल्क, अन्य स्टैकहोल्डर्स की ओर से जुटाए और भुगतान किया गया अप्रत्यक्ष टैक्स योगदान और शुल्क और कर्मचारियों के लाभ के लिए सामाजिक सुरक्षा योगदान शामिल हैं।
अड़ानी ग्रुप की इन कंपनियों का सर्वाधिक योगदान
अडानी समूह की सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों – अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी पावर, अडानी टोटल गैस और अंबुजा सीमेंट्स ने इस कर योगदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, समूह द्वारा अधिग्रहीत तीन अन्य कंपनियां एनडीटीवी, एसीसी और सांघी इंडस्ट्रीज भी इस आंकड़े में शामिल हैं।
गौतम अडानी का बयान
गौतम अडानी ने कर पारदर्शिता रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि “भारत के राजकोष में योगदान करना हमारी जिम्मेदारी से कहीं अधिक, एक नैतिक कर्तव्य है। हम पारदर्शिता और सुशासन को प्राथमिकता देते हैं और कॉरपोरेट क्षेत्र में जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर रहे हैं।”
अडानी ग्रुप की बढ़ती अर्थव्यवस्था में भूमिका
अडानी ग्रुप का यह कर भुगतान भारत की अर्थव्यवस्था में उसके योगदान को दर्शाता है। बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, और परिवहन क्षेत्रों में इसकी व्यापक उपस्थिति देश के आर्थिक विकास को गति देने में सहायक रही है। हाल के वर्षों में समूह की कंपनियों का राजस्व और मुनाफा लगातार बढ़ा है, जिससे सरकार के कर संग्रह में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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