दिल्ली से सटे गाजियाबाद में गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार को ट्रैफिक जाम में फंसी जनता का गुस्सा सड़कों पर आ गया। दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सड़क पर होने के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हुई थी। बैरिकेडिंग और भारी ट्रैफिक के चलते लोगों का धैर्य जवाब दे गया और वे सड़क पर उतर आए। कई लोगों ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद स्थिति और भी बिगड़ गई, और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से झड़पें शुरू हो गईं।
गाजीपुर बॉर्डर पर जाम में फंसी जनता का फूटा गुस्सा
गाजीपुर बॉर्डर पर हुई झड़प का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कांग्रेस कार्यकर्ता यात्रियों को सड़क से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। नारेबाजी करने वालों को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने न केवल हटा दिया, बल्कि उन्हें धक्का भी दिया। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि कुछ यात्रियों को पीटा भी जा रहा है। यह दृश्य गाजीपुर बॉर्डर पर उस समय का था, जब लोग सड़कों पर फंसे हुए थे और हालात बिगड़ चुके थे।
वीडियो में एक और बात दिखाई देती है, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता यात्रियों से बहस कर रहे हैं और उन्हें वहां से हटने की चेतावनी दे रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम से एक सवाल खड़ा हो रहा था कि क्या राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफिले की वजह से आम जनता को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ा?
#WATCH | Commuters raised slogans against Lok Sabha LoP Rahul Gandhi at Ghazipur border earlier today amid traffic slowdown due to barricading related to his visit to violence-hit Sambhal. A scuffle also broke out between Congress workers and commuters. pic.twitter.com/rinybt7wBx
— ANI (@ANI) December 4, 2024
जाम में फंसी जनता की परेशानियां
जाम में फंसे यात्रियों ने अपनी परेशानियों का इज़हार किया। एक यात्री ने कहा, “मुझे नहीं पता कि हम क्यों रोके गए हैं। राहुल गांधी दूसरी सड़क पर हैं तो यह सड़क क्यों बंद की गई है?” एक और यात्री ने अपनी व्यथा साझा करते हुए कहा, “मैं 80 साल का हूं और मेरे भाई की मृत्यु हो गई है। मैं दिल्ली से आ रहा हूं ताकि अंतिम संस्कार में शामिल हो सकूं, लेकिन अब यहां घंटों से इंतजार कर रहा हूं। हमें अपना रास्ता साफ चाहिए।”
इस स्थिति में लोग काफी परेशान हो गए थे क्योंकि बहुत से लोग ऑफिस जाने के लिए भी समय पर नहीं पहुंच पा रहे थे और कुछ लोग आपातकालीन स्थितियों में थे। जाम में फंसे लोगों की परेशानियां बढ़ रही थीं और ऐसे में उन्हें न केवल ट्रैफिक से जूझना पड़ रहा था, बल्कि उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं के व्यवहार का भी सामना करना पड़ा।
#WATCH | A commuter stuck at the Ghazipur border says “We just want our way to be clear. I am 80 years old. I am coming from Delhi. My brother has died and I want to go from here so that we can at least join his last rites. Where will we go?…We have been waiting here for over… https://t.co/gq9keS8Mue pic.twitter.com/9g3nyzoStL
— ANI (@ANI) December 4, 2024
कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप
जहां एक ओर गाजीपुर बॉर्डर पर जनता का गुस्सा साफ नजर आ रहा था, वहीं कांग्रेस ने इस घटनाक्रम का विरोध किया है। कांग्रेस का आरोप था कि ट्रैफिक जाम में नारेबाजी करने वाले लोग आम जनता नहीं बल्कि बीजेपी कार्यकर्ता थे। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर माहौल को गर्म करने की कोशिश की।
कांग्रेस ने आगे बताया कि उनके कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर कोई दखल नहीं दिया था और सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपनी गतिविधियां कर रहे थे। हालांकि, पुलिस की तैनाती के बाद स्थिति पर काबू पा लिया गया और राहुल गांधी भी दिल्ली लौट गए।
पुलिस के अधिकारी मौके पर मौजूद थे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर तैनात जवानों की संख्या बढ़ा दी थी। मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस ट्रैफिक जाम में किसी तरह की गड़बड़ी थी या यह सामान्य स्थिति का हिस्सा था।
नारेबाजी का कारण क्या था?
नारेबाजी करने वाले यात्रियों ने जो बातें की थीं, वे प्रमुख रूप से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफिले के कारण जाम में फंसे लोगों की नाराजगी से जुड़ी थीं। लोग यह महसूस कर रहे थे कि सत्ता के बड़े नेता जब सड़क पर होते हैं तो उन्हें आम जनता की परेशानियों की कोई चिंता नहीं होती। ऐसे में जाम की स्थिति उत्पन्न होने के बाद लोगों का गुस्सा स्वाभाविक था।
वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह कहना था कि किसी तरह की किसी योजना के तहत जनता को परेशान नहीं किया गया था और न ही किसी तरह की जबरदस्ती की गई थी। लेकिन घटनाओं ने इस आरोप को बल दिया कि काफिले के कारण लोगों को अधिक समय तक जाम में फंसा रहना पड़ा और उनकी परेशानी बढ़ी।
पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम पर ध्यान देते हुए सभी की बयानबाजी ली और त्वरित कार्रवाई की। फिलहाल मामले की जांच जारी है, और यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में क्या इस मुद्दे पर कोई और कार्रवाई होती है या नहीं।