उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने हाल ही में गांजे को वैध करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि इसे कानून का दर्जा देकर वैध किया जाना चाहिए। गुरुवार को उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि लाखों लोग खुलेआम गांजा पीते हैं और इसे धार्मिक आयोजनों में भी भगवान के प्रसाद की तरह स्वीकार किया जाता है।
अंसारी ने स्पष्ट किया कि धार्मिक समारोहों में गांजे का सेवन किया जाता है और इसे भगवान का प्रसाद मानकर पिया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर यह भगवान का प्रसाद है तो इसे अवैध क्यों माना जाता है?”
भांग को लाइसेंस दिया जा सकता है, तो गांजे को क्यों नहीं
अफजाल अंसारी ने यह भी कहा कि अगर भांग को लाइसेंस दिया जा सकता है, तो गांजे को क्यों नहीं? उन्होंने कहा, “लोग कहते हैं कि गांजा पीने से भूख लगती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसलिए, इसे कानूनी दर्जा मिलना चाहिए।” उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि कुंभ जैसे बड़े आयोजनों में गांजे की बड़ी मात्रा में सप्लाई की जा सकती है।
योगी सरकार की आबकारी नीति पर सवाल
सांसद अंसारी ने उत्तर प्रदेश सरकार की आबकारी नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि बिहार में शराबबंदी होने के बावजूद वहां के बॉर्डर इलाकों में आबकारी विभाग ने कई शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया है। ऐसे में उन्होंने कहा कि पहले इन दुकानों का लाइसेंस खत्म करना चाहिए।
अंसारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा, “अपने बाबा मुख्यमंत्री से कहिए कि नई शराब की दुकानों को बंद कराए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समझ से बाहर है कि किस धर्म में शराब की दुकानों का विस्तार करने की बात कही गई है।
अफजाल अंसारी की ये टिप्पणियाँ एक नए विवाद को जन्म दे सकती हैं, खासकर उस समय जब समाज में नशे के सेवन को लेकर गंभीर चर्चा चल रही है। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे न केवल गांजे के वैधता पर बल्कि सरकार की शराब नीति पर भी सवाल खड़े करते हैं।