बाजार में गिरावट के बावजूद सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। पिछले एक महीने में सोने के दाम 6 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने का 10 ग्राम 459 रुपये बढ़कर 85,146 रुपये हो गया है। चांदी की कीमत भी बढ़ी है और यह 46 रुपये बढ़कर 95,632 रुपये किलो हो गई है। सोने की कीमतों के बढ़ने से लोगों की परेशानियां भी बढ़ी हैं।
सोने की बढ़ती कीमतों के कारण अब लोग आभूषण कम खरीद रहे हैं। रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचे सोने के दामों के बाद ज्वेलरी की मांग 80 प्रतिशत तक घट गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, आभूषण विक्रेताओं की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है, खासकर शादी के मौसम में भी लोग कम खरीदारी कर रहे हैं। दूसरी ओर, चीन में डीलरों ने खरीदारों को आकर्षित करने के लिए छूट देनी शुरू कर दी है।
सोने की बढ़ती कीमतें
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में 1% से ज्यादा की गिरावट आई है, जो कि प्रॉफिट बुकिंग के कारण हुआ। यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा व्यापार युद्ध की चिंता और टैरिफ बढ़ाने के दबाव के चलते आई। हाजिर सोने की कीमत 2,883.80 डॉलर प्रति औंस हो गई, हालांकि यह 0.7% की साप्ताहिक बढ़त पर बना हुआ है।
ज्वेलर्स के अनुसार, बहुत से लोग शादी के मौसम में सोना खरीदना चाहते हैं, लेकिन कीमतें ज्यादा होने के कारण वे अभी खरीदारी नहीं कर रहे हैं। वे अक्सर दुकानदारों से फोन पर पूछते हैं कि सोना कब सस्ता होगा और खरीदने का सही समय क्या है।
भारत में कितनी है सोने की खपत
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत ने 563.4 मीट्रिक टन सोने की ज्वेलरी खपत की, जो चीन के 511.4 टन से ज्यादा है. भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कंज्यूमर है, यहां सोने की कीमतें इस हफ्ते 88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गईं. 2024 में सोने की कीमतों में 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, और इस साल महज 45 दिन में ही सोने की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हो चुका है. इसके साथ ही, देश का ट्रेड लॉस जनवरी में 20.88 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जबकि दिसंबर 2024 में यह आंकड़ा 21.94 अरब डॉलर था.
क्यों आयी मांग में कमी?
ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे सोने की डिमांड में थोड़ी कमी आई है। कीमतें ज्यादा होने के कारण लोग अब सोना खरीदने से बचने लगे हैं। इसके अलावा, फेस्टिवल और शादी के सीजन के खत्म होने से भी डिमांड में गिरावट आई है, जिससे व्यापार में और नुकसान हो रहा है।
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