Sukhbir Badal attack: आज सुबह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक चौंकाने वाली घटना हुई, जब शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर एक व्यक्ति ने गोली चलाने की कोशिश की। यह घटना उस समय हुई जब बादल अकाल तख्त द्वारा दी गई धार्मिक सजा के तहत मंदिर के प्रवेश द्वार पर सेवादार के रूप में अपनी सेवा कर रहे थे। हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौरा के रूप में हुई है, जिसे खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा होना बताया जा रहा है।
सेवादार की सतर्कता से बची जान
सुबह के समय, जब सुखबीर बादल नीले रंग की सेवादार वर्दी पहने और एक भाला थामे हुए व्हीलचेयर पर बैठे थे, नारायण सिंह चौरा उनके पास पहुंचा। अचानक, उसने अपनी जेब से पिस्तौल निकाली और बादल की ओर निशाना साधा। लेकिन एक सतर्क सेवादार ने तुरंत हमलावर का हाथ ऊपर की ओर धकेल दिया, जिससे गोली निशाने से चूक गई।
इस घटना के दौरान बादल ने तत्परता से प्रतिक्रिया दी और अपनी व्हीलचेयर में नीचे झुक गए। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत हमलावर को काबू कर लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। गनीमत रही कि इस हमले में किसी को चोट नहीं आई।
#WATCH | Punjab: Bullets fired at Golden Temple in Amritsar where SAD leaders, including party chief Sukhbir Singh Badal, were offering ‘seva’. The attacker, identified as Narayan Singh Chaura by the Police has been overpowered by the people and caught.
(Video Source: PTC News) pic.twitter.com/b0vscrxIL8
— ANI (@ANI) December 4, 2024
कौन है नारायण सिंह चौरा ?
नारायण सिंह चौरा का इतिहास काफी विवादास्पद और खतरनाक है। वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ा रहा है। नारायण सिंह चौरा मूल रूप से गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। उसके खिलाफ 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत कई गंभीर आरोप शामिल हैं।
1984 में, चौरा पाकिस्तान चला गया था। वहां रहते हुए उसने खालिस्तानी आतंकवाद के शुरुआती दौर में पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पाकिस्तान में रहते हुए उसने गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी।
नारायण सिंह का पाकिस्तान कनेक्शन
नारायण सिंह चौरा का पाकिस्तान से गहरा संबंध रहा है। 1984 में वह पाकिस्तान गया, जहां उसने आतंकी प्रशिक्षण लिया। वहां से लौटने के बाद वह पंजाब में विभिन्न आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा। उसे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों को जेल में मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित सामान पहुंचाने के मामले में भी गिरफ्तार किया गया था।
चौरा 2004 के प्रसिद्ध बुड़ैल जेलब्रेक मामले का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। इस घटना में चार खतरनाक कैदी 94 फुट लंबी सुरंग खोदकर जेल से फरार हो गए थे। इन कैदियों में बब्बर खालसा प्रमुख जगतार सिंह हवारा और पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे भी शामिल थे।
नारायण सिंह चौरा को आखिरी बार 2022 में जमानत पर रिहा किया गया था। वर्तमान में उसके खिलाफ अमृतसर, रोपड़ और तरनतारन सहित पंजाब के कई जिलों में मुकदमे चल रहे हैं।
#WATCH | Punjab: Bullets fired at Golden Temple in Amritsar where SAD leaders, including party chief Sukhbir Singh Badal, were offering ‘seva’. The attacker, identified as Narayan Singh Chaura by the Police has been overpowered by the people and caught.
(Second camera angle) pic.twitter.com/c7NslbU3n3
— ANI (@ANI) December 4, 2024
मुख्यमंत्री भगवंत मान तत्काल कदम उठायें
इस घटना ने पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, ‘यह एक बहुत बड़ी घटना है। पंजाब को किस युग में धकेला जा रहा है?’ उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा, ‘यह राज्य की सुरक्षा विफलता को दर्शाता है। जिस व्यक्ति ने गोलियां चलाईं, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।’