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गूगल मैप्स ने असम पुलिस को भेजा नागालैंड, बदमाश समझकर लोगों ने की पिटाई

आपने गूगल मैप्स का इस्तेमाल तो जरूर किया होगा, लेकिन कभी सोचा है कि अगर गूगल मैप्स गलत रास्ता दिखा दे तो क्या होगा? कुछ ऐसा ही हुआ असम पुलिस के साथ, जब गूगल मैप्स ने उन्हें असम की जगह नागालैंड में भेज दिया। और फिर जो हुआ, उसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

गूगल मैप्स ने असम पुलिस को भेजा नागालैंड

बात ऐसी है कि असम के जोरहाट जिले से पुलिस का एक बड़ा दल मंगलवार रात छापेमारी के लिए निकला था। इस दल में 16 पुलिसकर्मी थे, जो एक चाय बागान पर छापेमारी करने के लिए जा रहे थे। चाय बागान की लोकेशन जानने के लिए पुलिस ने गूगल मैप्स का सहारा लिया।

अब गूगल मैप्स ने जो रास्ता दिखाया, वो पुलिस को असम से बाहर, नागालैंड के मोकोकचुंग जिले में ले गया। पुलिस ने बिना किसी संकोच के उस रास्ते को अपनाया, क्योंकि उन्हें पूरा भरोसा था कि गूगल मैप्स सही दिखा रहा है।  लेकिन जब ये पुलिसकर्मी मोकोकचुंग जिले में पहुंचे, तो जो हुआ वो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था।

पुलिस के जवान सादे कपड़ों में थे

पुलिस का दल ज्यादातर सादे कपड़ों में था और उनके पास हथियार भी थे। अब, नागालैंड के लोग इन्हें देखकर घबरा गए और इन पुलिसकर्मियों को बदमाश समझ लिया। हथियारों से लैस इन लोगों को देखकर गांववालों ने तुरंत हमला कर दिया और पुलिसवालों को पकड़ लिया।

यहां तक कि उन्हें बंधक बना लिया और मारपीट की।सिचुएशन तब और गंभीर हो गई, जब पुलिसवालों को यह महसूस हुआ कि अब उन्हें अपनी पहचान साबित करनी पड़ेगी, क्योंकि लोग उन्हें पूरी तरह से अपराधी समझ चुके थे।

पुलिस के साथ हुई बुरी तरह पिटाई

स्थानीय लोग यह नहीं समझ पाए कि ये पुलिसवाले हैं। उन्हें लगा कि ये कोई गैंग के लोग हैं जो किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए आए हैं। ऐसे में बिना किसी समझ-बूझ के उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। इनकी पहचान और इरादे जब तक साफ नहीं हुए, तब तक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ चुकी थी।

लेकिन किसी तरह असम पुलिस के अधिकारियों ने नागालैंड पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद नागालैंड पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और असम पुलिस के जवानों को बंधक से छुड़वाया। साथ ही इस पूरी घटना की जानकारी जोरहाट पुलिस को भी दी गई, और फिर जोरहाट पुलिस ने मोकोकचुंग पुलिस से संपर्क कर उन्हें मदद भेजने को कहा।

असल में असम पुलिस का मिशन कुछ अलग था। उनका उद्देश्य एक अपराधी को पकड़ने का था जो चाय बागान में छिपा हुआ था। लेकिन गूगल मैप्स की वजह से वह टीम गलत दिशा में निकल गई और नागालैंड पहुंच गई। वहां पहुंचने के बाद, स्थानीय लोगों ने उन्हें गलत समझा और उनकी पिटाई शुरू कर दी।

क्यों गलत साबित हुई गूगल मैप्स की दिशा?

यह पूरी घटना यह साबित करती है कि गूगल मैप्स पर पूरी तरह से भरोसा करना कभी-कभी खतरनाक हो सकता है। असम पुलिस का यह दल तो सही जगह पर जा रहा था, लेकिन गूगल मैप्स ने उन्हें गलत दिशा दिखा दी। इस कारण पुलिस को नागालैंड की सीमा में दाखिल होना पड़ा। गूगल मैप्स ने जिस जगह को असम में दिखाया था, वह असल में नागालैंड के अंदर था, और पुलिस बिना किसी जांच-पड़ताल के उस रास्ते पर चल पड़ी।

इस घटना ने यह सीख दी है कि गूगल मैप्स और GPS पर पूरी तरह से भरोसा करना सही नहीं है। तकनीकी गलतियां हो सकती हैं, और कभी-कभी हमें अपने आसपास की जानकारी और सही मार्गदर्शन पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए। असम पुलिस के साथ जो हुआ, वह हमें यह बताता है कि यदि हम पूरी तरह से डिजिटल दुनिया पर निर्भर हो जाएं तो कभी-कभी हमें नुकसान हो सकता है।

नागालैंड पुलिस ने किया पूरा सहयोग

असम पुलिस के अधिकारियों ने इस घटना के बाद कहा कि अगर नागालैंड पुलिस की मदद नहीं मिलती, तो स्थिति और बिगड़ सकती थी। नागालैंड पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और असम पुलिस के जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद, जोरहाट पुलिस ने भी मोकोकचुंग पुलिस से संपर्क किया और स्थिति को नियंत्रण में लाया।

 

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