BAPS : 8 अक्टूबर 2023 को BAPS स्वामीनारायण अक्षरधाम न्यू जर्सी का उद्घाटन BAPS आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज द्वारा किया गया। इस अवसर पर समारोह एवं भव्य शुभारंभ समारोह में हजारों श्रद्धालु एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
परम पूज्य महंत स्वामी महाराज को 90वें जन्मदिन पर भक्तिपूर्ण भेंट
परम पावन प्रमुख स्वामी महाराज के अनुसार निर्मित यह अक्षरधाम सनातन हिंदू धर्म की शांति, सद्भाव और एकता के सार्वभौमिक मूल्यों का प्रतीक है। यह सांस्कृतिक अभिव्यक्ति, कला, वास्तुकला और शिक्षा का एक अनूठा स्थान होगा। हजारों भक्तों ने परम पूज्य महंतस्वामी महाराज को उनके 90वें जन्मदिन पर श्रद्धा फूल अर्पित किये।
अक्षरधाम में हैं कुल 13 गर्भगृह
परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद आशीर्वाद समारोह में कहा, मैं प्रार्थना करता हूं कि यहां आने वाले सभी लोग अपने जीवन में परम शांति और परम आनंद का अनुभव करें। इस अक्षरधाम का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था। भगवान स्वामीनारायण को श्रद्धांजलि देते हुए अक्षरधाम में हिंदू धर्म के विभिन्न पूजा रूपों की प्रतिष्ठा के साथ कुल 13 गर्भगृह हैं।
कई देशों के पत्थर से किया गया निर्माण
प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित पारंपरिक मंदिर वास्तुकला के अनुसार निर्मित यह अक्षरधाम आने वाली कई शताब्दियों तक बरकरार रहेगा। इटली, ग्रीस, तुर्की, बुल्गारिया, भारत और अन्य देशों से लाए गए पत्थरों को भारत के सैकड़ों कुशल कारीगरों और अमेरिका और दुनिया भर के 12,500 स्वयंसेवकों द्वारा सबिन्सविले में एक विशाल जिग्सॉ पहेली की तरह मंदिर में नक्काशी की गई है।
स्वंयसेवकों ने अपनी गहन भावनाएँ कीं व्यक्त
उद्घाटन के अवसर पर 30 सितंबर से नौ दिवसीय विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला में सैकड़ों गणमान्य व्यक्तियों और स्वयंसेवकों ने अक्षरधाम के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके अलावा पिछले 75 दिनों से चल रहे “प्रेरणा महोत्सव” के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों एवं आगंतुकों ने अक्षरधाम के दर्शन के माध्यम से अपनी गहरी भावनाओं को व्यक्त किया। इसके साथ ही अक्षरधाम में रक्तदान यज्ञ के तहत पिछले 10 हफ्तों में 10,000 से अधिक व्यक्तियों के लिए उपयोगी रक्त एकत्र किया है, जो न्यू जर्सी में अब तक के सबसे बड़े रक्तदान अभियानों में से एक है।
गवर्नर बोले भक्ति का है स्थान
डेलावेयर के गवर्नर जॉन कार्नी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, “यह अक्षरधाम अविश्वसनीय भक्ति का स्थान है। अक्षरधाम अतीत को भविष्य से जोड़ने वाला, भारत और अमेरिका को जोड़ने वाला, एक समुदाय को दूसरे समुदाय से जोड़ने वाला एक पुल है।
स्वंयसेवकों के बीच है अद्भुत एकता
सितंबर में अक्षरधाम की यात्रा के बाद एनबीए चैंपियन आरोन गॉर्डन ने कहा, स्वयंसेवकों के बीच अद्भुत एकता है। इतनी अलग-अलग जगहों से आना और अपने निजी जीवन से ऊपर उठकर इस महान उद्देश्य के लिए खुद को समर्पित करना एक आश्चर्य़चकित करने वाला काम है… मैं आगामी आईबीए चैंपियनशिप के लिए अक्षरधाम से प्रेरणा लेता हूं।”
अच्छे मूल्य जगह को जीवंत अनुभव हैं देते
रॉबिन्सविले पुलिस विभाग के सार्जेंट स्कॉट डिवेट ने कहा, “जैसे ही आप BAPS अक्षरधाम में प्रवेश करते हैं, आपको अच्छे मूल्यों के साथ पवित्र स्थान का एहसास होता है। मैंने यहां देखा कि डॉक्टर ट्रैफिक मैनेजमेंट में काम कर रहे हैं। बर्तन धोये जा रहे हैं, इंजीनियर ट्रक चला रहे हैं, इस कॉम्प्लेक्स में कहीं कोई अहंकार नहीं है। सभी सेवा कर रहे हैं। ईश्वर की कृपा से मैं इस स्थान पर आया, आपसे मिला और आपकी संस्कृति को समझने का मौका मिला।”
नेल्सन मंडेला की पोती कला और वास्तुकला की थीं प्रशंसा
नेल्सन मंडेला की सबसे बड़ी पोती नदिलेका मंडेला ने अक्षरधाम में महिलाओं के एक पूर्व कार्यक्रम में यह बात कही। “सद्भाव, एकता और समावेशिता के माध्यम से, आपने अपने आध्यात्मिक गुरुओं के मार्गदर्शन में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मुझे यकीन है कि नेल्सन मंडेला और महात्मा गांधी जैसी महान हस्तियां अगर अक्षरधाम की इस खूबसूरत कला और वास्तुकला को देखेंगी तो इसकी सराहना करेंगी। इतना ही नहीं शांति, सद्भाव और एकता के मूल्यों को प्रोत्साहित करना चाहिए जो अक्षरधाम की नींव में हैं।
लेविटिकस के शब्द आ गए याद
बेथ एल सिनेगॉग में वरिष्ठ रब्बी जे एम. कोर्सगोल्ड ने इंटरफेथ हार्मनी डे कार्यक्रम में कहा, “जब मैंने इस शानदार रचना को देखा, तो मुझे लेविटिकस के शब्द याद आए कि अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो।” यह भावना कि हम सभी यहां पृथ्वी पर मिलकर इसे एक खूबसूरत जगह बनाने के लिए काम कर रहे हैं, इस जगह को मजबूत बनाती है।
अक्षरधाम, पश्चिमी गोलार्ध में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है, जिसमें हिंदू धर्मग्रंथों के संदेशों के साथ-साथ अब्राहम लिंकन, शिव, बुद्ध, मीराबाई, मार्टिन लूथर किंग जूनियर और मंदिर के विजडम प्लेन में कई अन्य महापुरुषों के उद्धरण शामिल हैं।
लाखों श्रद्धालुओं ने दीप जलाकर महाआरती का दिया अर्ध्य
प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित एवं आभासी लाभ लेने वाले लाखों हरिभक्त-श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्ज्वलित कर महाआरती का अर्ध्य अर्पित किया। BAPS के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक पू ईश्वरचरणदास स्वामी ने बीएपीएस की ओर से सभी को उनकी सेवा और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। समारोह का समापन ‘अक्षरधाम महोत्सवनी जय’ के बुलंद जयकारे के साथ हुआ। अक्षरधाम न केवल हिंदू अमेरिकियों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए हिंदू सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को समझने का स्थान है। अक्षरधाम उन लोगों के लिए ज्ञान और शिक्षा का निवास होगा जो कला और वास्तुकला के बारे में उत्सुक हैं।
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