वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन फैसलों का मुख्य उद्देश्य कराधान प्रणाली को आसान बनाना और कर चोरी को रोकना है। हालांकि, परिषद ने बीमा प्रीमियम पर कर दरों को कम करने का फैसला नहीं लिया गया। इसके बजाय, उन्होंने भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) की सिफारिशों समेत कुछ लंबित मुद्दों पर विचार करने का निर्णय लिया।
खास वस्तुओं पर लगेगा विशेष पहचान चिह्न
एक अहम कदम उठाते हुए परिषद ने चोरी-प्रवण वस्तुओं के लिए ट्रैक एंड ट्रेस तंत्र को लागू करने की मंजूरी दे दी है। इस सिस्टम में, खास वस्तुओं या उनके पैकेजों पर एक विशेष पहचान चिह्न (यूआईएम) लगाया जाएगा, ताकि अधिकारी उन्हें आपूर्ति श्रृंखला में आसानी से ट्रैक कर सकें। इसका मकसद सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 148ए के तहत एक नया प्रावधान लागू करना है, जिससे सरकार को उन उत्पादों पर निगरानी रखने और उनका पता लगाने की ताकत मिल सके जिनसे कर चोरी होने की संभावना है।
बीमा प्रीमियम और GST दरों में कोई बदलाव नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कम करने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसके लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) को और समय चाहिए, ताकि वे इस मुद्दे पर गहरे से अध्ययन कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि बीमा नियामक इरडा और अन्य संबंधित पक्षों से सुझावों का इंतजार किया जा रहा है। इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने दरों में बदलाव पर फैसला भी टाल दिया है, क्योंकि जीओएम को इस पर और अधिक समय से अध्ययन करने की जरूरत है।
पुरानी गाड़ी पर 18 प्रतिशत जीएसटी
जीएसटी परिषद ने पुराने इलेक्ट्रिक वाहनों पर कारोबार में इस्तेमाल के लिए खरीदी गई गाड़ियों के मार्जिन मूल्य पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी दरों के सुधार पर चर्चा को स्थगित कर दिया गया है क्योंकि जीओएम को इस पर और गहरे अध्ययन के लिए ज्यादा समय चाहिए।
क्या है पॉपकॉर्न कर?
जीएसटी परिषद ने शनिवार को पॉपकॉर्न पर कर के बारे में एक नया स्पष्टीकरण जारी किया। इसके मुताबिक, पहले से पैक और लेबल वाले खाने के लिए तैयार स्नैक्स पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अगर पॉपकॉर्न को कारमेलाइज किया जाता है (जैसे कारमेल पॉपकॉर्न), तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। सामान्य पॉपकॉर्न जिसमें नमक और मसाले मिलाए जाते हैं, अगर वह पहले से पैक किया गया है और उस पर लेबल नहीं लगा है, तो उस पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू होगा। लेकिन अगर पॉपकॉर्न को पैक करके और लेबल के साथ बेचा जाता है, तो उस पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जब पॉपकॉर्न में चीनी मिलाई जाती है (जैसे कारमेल पॉपकॉर्न), तो यह चीनी की मिठाई की तरह माना जाएगा, और इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा।
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