Lok Sabha Election 2024: सूरत सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द, BJP की निर्विरोध जीत, 7 मई को होना था मतदान
Lok Sabha Election 2024: पूरे देश भर में चुनाव का मौसम चल रहा है। और गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर चले लंबे ड्रामे के बाद BJP कैंडिडेट मुकेश दलाल ने निर्विरोध जीत दर्ज कर ली है। रविवार को कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन में बताये गए तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर फर्जी होने की शिकायत की गई थी। जिसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का फार्म चुनाव आयोग ने लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम – 1951 के तहत रद्द कर दिया।
BSP उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस लिया
कांग्रेस नेता का पर्चा रद्द होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि BSP के उम्मीदवार प्यारेलाल भारतीय अपना पर्चा वापस नहीं लेंगे। लेकिन आज उन्होंने भी मुकेश दलाल के सामने सरेंडर कर दिया है। इसके बाद बाकी बचे सभी सात उम्मीदवारों ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है।
नाम वापस लेने की तारीख थी 22 अप्रैल
गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर मतदान तीसरे चरण में यानी 7 मई को होना है, जिसके लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 19 अप्रैल थी और नामांकन वापस लेने का तारीख 22 अप्रैल है। बीजेपी की शिकायत के बाद कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुंभानी का पर्चा प्रस्तावकों की वजह से खारिज हो चुका है। इस सीट पर कुल 10 प्रत्याशियों ने अपना पर्चा भरा था।
कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का नामांकन रद्द
लोकसभा चुनाव 2024 सूरत से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का नामांकन रद्द कर दिया गया है। सूरत संसदीय सीट से कांग्रेस प्रतयाशी नीलेश कुंभाणी का फार्म चुनाव आयोग ने लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम – 1951 के तहत रद्द कर दिया। भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल के वकील की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन में बताये गए तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर फर्जी होने की शिकायत की गई थी। कांग्रेस ने सूरत कलेक्टर व पुलिस आयुक्त पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका लगाने की बात कही है। उधर कांग्रेस ने कहा कि वह इस मामले में हाईकोर्ट का रुख करेगी। नीलेश कुंभाणी के वकील ने कहा कि तीनों प्रस्तावक संपर्क में नहीं हैं। उन्होंने अपहरण की आशंका भी जताई है।
जिलाधिकारी करेंगे अधिकारिक घोषणा
2024 लोकसभी चुनाव में BJP की ये पहली कामयाबी है। कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का नामांकन रद्द होने के बाद, बाकी उम्मीवारों ने पर्चा वापस ले लिया। इसके बाद मुकेश दलाल इस लोकसभी चुनाव के पहले निर्विरोध जीतने वाले सांसद बन गए हैं. DM की घोषणा के बाद भाजपा के पाले में चुनाव परिणामों से पहले ही एक सीट आ जाएगी।
हाईकोर्ट का रुख करेंगे नीलेश कुंभाणी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने भी पत्रकार वार्ता कर बताया कि भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीत नहीं सकती थी। इसलिए उन्होंने नीलेश कुंभाणी को रेस से बाहर करने का यह अलोकतांत्रिक तरीका अपनाया। कांग्रेस प्रत्याशी के वकील ने इस मामले में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में याचिका लगाने की बात कही है।
क्या कहता है लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951
धारा 36 (2) के अनुसार पीठासीन अधिकारी प्रत्याशी के नामांकन पत्र को लेकर उठाई गई सभी तरह की आपत्ति की जांच करेगा। तथा 36(2) ग के अनुसार नामांकन पत्र की प्रमाणिकता और प्रत्याशी एवं प्रस्तावक के हस्ताक्षर खामीयुक्त अथवा फर्जी पाए जाते हैं तो नामांकन पत्र को रद्द किया जाए।