Guru Nanak Jayanti 2024: शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती (gugu nanak dev 555th birth anniversary) पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सीएम योगी ने गुरु नानक देव (guru nanak jayanti 2024) के ईश्वर भक्ति और धर्मपूर्ण जीवन के मार्ग पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुरु नानक के उपदेश गुरु गोविंद सिंह महाराज के नेतृत्व में एक सशक्त परंपरा में विकसित हुई। गुरु गोविंद सिंह महाराज (gurpurab) और उनके चार साहिबजादनों के बलिदान की गाथा से हर भारतवासी को गौरवान्वित कर देता है।
गुरु नानक जयंती पर सीएम आवास पर कीर्तन का आयोजन
लखनऊ में गुरु नानक की जयंती (happy gurpurab 2024) के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी विरासत और आदर्शों से जुड़ा समाज कभी गुलाम नहीं हो सकता। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को बताया कि गुरु नानक जी की 550वीं जयंती( guru nanak dev ji gurpurab) के मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर कीर्तन का आयोजन किया गया। योगी ने इस दिन को एक महान सौभाग्य का दिन बताया।
‘चार साहिबजादों का बलिदान सभी के लिए प्रेरणा’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “गुरु नानक देव जी (guru nanak dev) के उपदेश गुरु गोविंद सिंह महाराज के नेतृत्व में एक सशक्त परंपरा में विकसित हुए। उनके और उनके चार साहिबजादों के बलिदान, जो मुगलों के हाथों हुए, हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। पिछले चार वर्षों से 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहिबजादों की बहादुरी को सम्मान दिया जा सके। इस परंपरा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी घोषित किया है।”
‘गुरु नानक देव जी के उपदेशों का पालन करें’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस दिन को मनाना आज की युवा पीढ़ी को अपनी विरासत और आध्यात्मिक मूल्यों से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा। प्रकाश पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने सभी से आग्रह किया कि गुरु नानक देव जी के उपदेशों का पालन करें और समाज व राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य करें।
कब और कहां हुआ गुरु नानक देव का जन्म
गुरु नानक देव को सिख धर्म के संस्थापक के रुप में जाना जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 ईस्वी को तलवंडी में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। नानक देव जी के पिता का नाम मेहता कालू और माता तृप्ता देवी थीं। उन्होंने ने अपनी शिक्षा घर पर ही प्राप्त की। नानक को फारसी, अरबी, और संस्कृत भाषाओं में महारत हासिल थी। गुरु नानक देव जी ने हमेशा अपने उपदेशों में एक ईश्वर, सच्चाई और सेवा की महत्ता पर जोर दिया। 22 सितंबर, 1539 ईस्वी को करतारपुर में गुरु नानक देव जी का निधन हो गया था।
कैसे मनाई जाती है गुरु नानक जयंती
गुरु नानक जयंती (guru parv 2024) को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान गुरु नानक देव जी के उपदेशों का और गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है।
ये भी पढ़ें:
Stock Market Holidays: क्या गुरु नानक जयंती पर शेयर बाजार है बंद?, जाने अब कब खुलेगा मार्केट?