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Hanging Pillar: इस मंदिर में रहस्यमयी तरीके से हवा में लटका है यह खंभा

Hanging Pillar

राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Hanging Pillar : भारत में कई ऐसे मंदिर है (Hanging Pillar) जो अपने चमत्कार,भव्यता अनोखी मान्यताओं और अदृभुत बनावट के लिए सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। लेकिन आज हम आपको आंध्र प्रदेश में स्थि​त एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जिसकी कहानी सुनने के बाद आप खुद भी हैरान रह जाएंगे। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसका एक खंभा ​हवा में बिना किसी सहारे के लटका हुआ है और आज तक कोई भी इस रहस्य की गुत्थी को सुलझा नहीं पाया। तो आइए जानते है इस मंदिर से जुड़े कुछ बातों के बारे में :—

Hanging Pillar
हैंगिंग पिलर टेंपल

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित इस मंदिर का नाम लेपाक्षी मंदिर है। जिसे ‘हैंगिंग पिलर टेंपल’ (Hanging Pillar) के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में कुल 70 खंभे बने हुए है और इन खम्भों को आकाश स्तंभ कहा जाता है। लेकिन इन में से एक खम्भा ऐसा है ​​जो जमीन से जुड़ा हुआ नहीं है। यह खम्भा रहस्यमयी तरीके से हवा में लटका हुआ है। लोगों के बीच में इस खंभे को लेकर कई मान्यताएं जुड़ी हुई है। यह खम्भा जमीन से करीब आधा इंच हवा में ऊपर की ओर उठा हुआ है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस खंभे के नीचे से कुछ निकालने से घर में सुख शांति बनी रहती है। यहीं वजह से कि यहां आने वाले इस खंभे के ​नीचे से कपड़ा निकालते है।

Hanging Pillar
बनावट के लिए प्रसिद्ध

यह मंदिर कुर्मासेलम की पहाडियों पर बना हुआ है और इसका आकार एक कछुए की तरह है।इस मंदिर (Hanging Pillar) के निर्माण को लेकर दो मान्यताएं है, कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 16वीं सदी में विरुपन्ना और विरन्ना नाम के दो भाइयों ने करवाया था। लेकिन पौराणिक मान्यताओं की माने तो इस मंदिर का निर्माण ऋषि अगस्त्य द्वारा करवाया गया था। वहीं लेपाक्षी मंदिर का जिक्र रामायण में भी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि लेपाक्षी मंदिर वहीं स्थान है जहां पर रावण से युद्ध के दौरान जटायु जख्मी होकर गिरे थे और उन्होंने राम को रावण का पता बताया था। वहीं इस मंदिर में पैर का एक बड़ा निशान है जिसे त्रेता युग की निशानी माना जाता है। लोगों का मानना है कि यह पैर के निशान भगवान राम या फिर माता सीता के है।

Hanging Pillar
शिव के क्रूर रूप वीरभद्र की पूजा

अपनी बनावट और रहस्यमयी खंभे के लिए प्रसिद्ध इस मंदिर के खंभे पर कई शोध किए गए लेकिन वैज्ञानिकों को कुछ खास सफलता हासिल नहीं हुई। लेपाक्षी मंदिर पूरी तरह से खंभो पर स्थित है और कहा जाता है कि हवा में लटका हुआ यह खंभा पहले यह जमीन से जुड़ा हुआ था लेकिन ब्रिटिश काल में एक इंजीनियर ने यह जानने की कोशिश की थी यह पूरा मंदिर खम्भों पर कैसे टिका हुआ है और इसके लिए उसने एक खंभे को खिसकाया तभी से यह खंभा हवा में लटक रहा है। वहीं इस मंदिर में भगवान शिव के क्रूर रूप वीरभद्र की पूजा की जाती है। बता दें कि महाराज दक्ष के यज्ञ के बाद वीरभद्र अस्तित्व में आए थे। इसके अलावा इस मंदिर में भगवान शिव के र्धनारीश्वर,दक्षिणमूर्ति कंकाल मूर्ति और त्रिपुरातकेश्वर रूप भी मौजूद है।

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