HARNI KAND: मोरबी आपदा के जख्म अभी भरे भी नहीं, गुरुवार को वडोदरा में बड़ा हादसा (HARNI KAND) हो गया। परिवार के लोग अब भी रो रहे हैं। वडोदरा में नाव पलटने से दो शिक्षकों समेत 12 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। वडोदरा के न्यू सन राइज स्कूल के 12 बच्चों और 2 शिक्षकों की दुखद मौत से शहर में शोक की लहर दौड़ गई है। वडोदरा के न्यू सन राइज स्कूल के 82 छात्र हरणी झील की यात्रा पर गए। जिनमें से 23 छात्र और चार शिक्षक नौकायन कर रहे थे। इसी दौरान अचानक हरणी झील में नाव पलट गई और छात्र झील में डूब गए।
रद्द किये गये अनुबंध का नवीनीकरण क्यों किया गया?
अब सवाल उठ रहे हैं कि ऐसी त्रासदी (HARNI KAND) के पीछे कौन जिम्मेदार है? इसका ठेकेदार कौन था? ये लापरवाही कैसे हुई? विवरण के मुताबिक, जब से यह ठेका दिया गया, तभी से इसमें लापरवाही बरती गई। यह ठेका 2016 में दिया गया था, जिससे वीएमसी को नुकसान हुआ। आखिर वीएमसी ने एक फरसाणवाला को ठेका कैसे दे दिया। मूल ठेकेदार कोटिया को ठेका दे दिया गया, जबकि उनके पास केवल फ़ार्सन का अनुभव था।
कॉन्ट्रैक्ट में हेराफेरी ने ले ली बच्चों की जान!
जानकारी के मुताबिक विपक्ष के विरोध के बाद कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया। हालाँकि, कोटिया और पराग शाह ने एक जेवी (संयुक्त उद्यम) बनाया और शहर अध्यक्ष से मुलाकात के बाद पराग शाह को एक तकनीकी व्यक्ति के रूप में दिखाकर अनुबंध प्राप्त कर लिया। बता दें कि मुख्य ठेकेदार परेश शाह अब भी फरार है। सवाल यह है कि नाव चलाने के लिए (HARNI KAND) किसी अनुभवी की बजाय फरसाणवाला को क्यों नियुक्त किया गया?
आख़िर इसके लिए ज़िम्मेदार कौन है?
गौरतलब है कि हरणी कांड (HARNI KAND) में नाव चलाने का ठेका कोटिया कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट लिमिटेड के परेश शाह के पास था। इतना ही नहीं, इस नाव को चलाने वाले शख्स के लॉरी मालिक होने की जानकारी भी सामने आई है। आखिर बच्चों की जिंदगी के साथ ऐसा खेल क्यों खेला गया?
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