Harni Lake Hadsa

Harni Lake Hadsa: वडोदरा की हरणी झील ने दिलाई मोरबी घटना की याद

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Harni Lake Hadsa: गुरूवार की शाम को वडोदरा की हरणी झील (Harni Lake Hadsa) में छात्रों से भरी नाव पलटने की वजह से नाव पर सवार सभी छात्र झील में डूब गए। हादसे की सूचना मिलते ही बचाव दल की टीम घटनास्थल पर पहुंची। जिसके बाद बचाव कार्य शुरू किया गया। घटना में 10 छात्रों समेत 2 शिक्षकों की मौत हो चुकी है और कुछ छात्र अभी भी लापता है। खबरों की मानें तो नाव में क्षमता से ज्यादा लोगों को बैठाया गया था। जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।

 

सवारियों ने नहीं पहने थे लाइफ जैकेट:-

जानकारी के अनुसार 15 लोगों की क्षमता रखने वाले इस नाव पर 23 बच्चे सहित 4 शिक्षक सवार थे। जिनमें से 13 छात्रों को इलाज के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया है। जबकि 10 मासूम छात्र और दो शिक्षकों समेत 12 लोगों की झील में डूबने से मौत हो गई है। यह सभी न्यू सनराइज स्कूल के छात्र और शिक्षक थे । जो पिकनिक मनाने के लिए हरणी झील पर नौकायन के लिए आए थे। खबरों की माने तो छात्रों को नाव पर बिना लाइफ जैकेट के ही बैठाया गया था। घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर, महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष भी घटनास्थल पर पहुंचे। अभी भी हरणी झील में बचाव टीम द्वारा छात्रों की तलाश की जा रही है।

Harni Lake Hadsa

पीएम मोदी ने की मुआवजे की घोषणा:-

इस घटना को लेकर पूरे देश में शोक का माहौल है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवार को 2 लाख रूपए और घायलों के परिवार के लिए 50 हजार की सहायता की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिजनों के लिए चार लाख और घायलों के लिए 50 हजार रूपए मुआवजे की एलान किया है।

2022 में हुई मोरबी झूलता ब्रिज हादसे की यादे हुई ताजा:-

वडोदरा की हरणी झील की घटना ने लोगों के अंदर 2022 में हुई मोरबी ब्रिज हादसे की यादे ताजा कर दी है। अक्टूबर 2022 में मोरबी में झूलते ब्रिज के अचानक से टूट जाने से 135 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना से पूरा देश आहत हुआ था। 30 अक्टूबर की शाम को करीब साढ़े छह बजे के आसपास 250 से ज्यादा लोग जमा होने की वजह से यह हादसा हुआ था। उस समय ब्रिज पर भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे मौजूद थे।

Harni Lake Hadsa

खबरों के अनुसार 143 साल पुराने ब्रिटिश कालीन पुल की मरम्मत के बाद 26 अक्टूबर को इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया था। जबकि नगरपालिका की तरफ से ब्रिज के लिए फिटनेस का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था। इस ब्रिज की क्षमता सिर्फ 100 लोगों की थी लेकिन ब्रिज पर जाने के लिए जरूरत से ज्यादा से टिकट बेच दी गई थी। इस घटना के मुख्य आरोपी ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल फिलहाल जेल में अपनी सजा काट रहे है।

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