Healthy Lifestyle Routine: रातों की नींद को आरामदायक बनाने के लिए हम तकिये का इस्तेमाल करते है। इन तकियों को हम अपनी जरूरत के अनुसार रात में लगाते हैं, लेकिन आपको बता दें कि अगर इन तकियों के कवर को अगर नियमित रूप से न बदला जाए तो ये हमारे लिए बीमारी का घर भी बन सकती है। एक शोध से पता चला है कि तकियों में एक टॉयलेट सीट से 17 गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते है। जो आपको बीमार या बहुत बीमार बना सकते है। इसके साथ ही इनका प्रभाव आपकी चेहरे की त्वचा पर भी दिखने लगता है। तो आइए जानते है कि कैसे हम इन बीमारियों से खुद का बचाव कर सकते हैं।
अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में हुआ शोध
अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया। उन्होंने लिहाफ पर लिए गए स्वाब टेस्ट से पाया कि डेड स्किन सेल्स पसीने, मल और लार के कारण कीटाणुओं से भरी हुई हैं। अध्ययन के दौरान बिना धोए तकिये के नमूने एकत्र किए गए और इन्हें सात दिनों तक रखा गया। इसमें बैक्टीरिया का पता चला, जो त्वचा में संक्रमण का कारण बन सकता है।
कॉटन से ज्यादा सिल्क का कवर होता है अच्छा
तकिए का खोल यदि सिल्क का हो तो इससे बैक्टीरिया लगने के चांसेज कम होते हैं, जिसके कारण आपको पिंपल्स नहीं होंगे। स्टडी में यह पाया गया कि स्किन की हेल्थ के लिए तकिए में कॉटन कवर से अच्चा सिल्क कवर होता है। सिल्क कवर के इस्तेमाल से चेहरे पर पिंपल्स होने का खतरा कम होता है।
इन चीजों को भी बदलना जरूरी
यदि आप अपनी स्किन को हेल्दी रखना चाहते हैं तो बिस्तर की इन चीजों को भी नियमित रूप से बदलनी चाहिए। इनमें शामिल हैं-पिलो केस यानी तकिए का खोल, बेडशीट, मेकअप ब्रश, ब्यूटी ब्लैंडर्स और तौलिए इत्यादि।
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