अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी एक बार फिर सवालो के कटघरे में आकर खड़े हो गए है। साल के शूरति दिनों में ही गौतम अडानी के लिए एक मुसीबत है। अमेरिका की एक रिसर्च फर्म की रिपोर्ट इस स्थिति का कारण बनी है।
अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडेनबर्ग ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में अडानी फर्म को “overleveraged” बताया है, और तो और अडानी ग्रुप के सारे लोन पर भी प्रश्न उठाए है। हिंडेनबर्ग एक फॉरेंसिक फाइनेंशियल फर्म है। फर्म ने दावा किया है की अडानी ग्रुप स्टॉक में फेरफार , मनी लॉन्डरिंग, कर्जदाताओं के धन की चोरी , नकली रिवेन्यू और सूचीबद्ध संस्थाओ से पैसे निकलवाने की गति विधियों में शामिल है।
फर्म का यह भी कहना है की अडानी ग्रुप की 7 मुख्य कम्पनिया 85% से जयादा ओवरवैल्यूड है, जिसके चलते फर्म ने कंपनी से 88 प्रश्न किये है। इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयर में 10% गिरावट आ गई है। कंपनी की छवि को रिपोर्ट से काफी हानि पोहोची है और मार्किट में कंपनी की बदनामी भी हुई है।
उस तरफ कांग्रेस भी इस रिपोर्ट के चलते अडानी ग्रुप और मोदी सर्कार से प्रश्न कर रही है। कांग्रेस ने SEBI से इस मामले की जांच करने की मांग की है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक लम्बा चौड़ा नोटिस जारी करते हुए ये कहा है।
अपने बचाव में अडानी ग्रुप ने भी एक मीडिया स्टेटमेंट जारी किया है। जिसमे अडानी ग्रुप ने हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट को ‘दुर्भावनापूर्ण’ और ‘अपमानजनक’ बतया है। अडानी ग्रुप ने कहा है की हिंडेनबुर्ग की रिपोर्ट से उनकी कंपनी को नुकसान झेलना पड़ा है और वे इस फर्म के खिलाफ सख्त कारवाही करेगी।