हिमाचल प्रदेश सरकार विधवा महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर लेकर आई है। दरअसल हिमाचल सरकार विधवा महिलाओं को मकान बनाने के लिए चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने जा रही है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसी विधवा महिलाओं की मकान बनाने में मदद करेगी, जो भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं।
विधवा महिलाओं को मिलेगा मकान
बता दें कि भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत सभी पात्र महिलाओं को मकान बनाने के लिए चार लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विधवाओं, दिव्यांग महिलाओं और एकल नारियों को उनके मकान बनाने के सपने को साकार करने के लिए वित्तीय मदद देने की पहल कर रही है।
एकल महिलाओं के लिए सरकार का अहम कदम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड विवाह के लिए वित्तीय सहायता, मातृत्व लाभ, शिक्षा सहायता, चिकित्सा देखभाल, पेंशन, विकलांगता पेंशन, दाह संस्कार व्यय, आकस्मिक मृत्यु के लिए राहत, छात्रावास सुविधाएं और विधवा पेंशन समेत विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
बैंक खाते में आएगी आर्थिक मदद
बता दें कि मकान बनाने के लिए आर्थिक मदद के तौर पर सरकार घर के लिए तीन लाख रुपए और रसोई, शौचालय और स्नानघर जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए एक लाख रुपए की अतिरिक्त मदद भी शामिल होगी। हालांकि इसका फायदा उठाने के लिए महिलाओं को बोर्ड में पंजीकृत होना चाहिए। इसके अलावा पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 कार्य दिवस पूरे करने चाहिए और उनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से कम होना चाहिए। बता दें कि पात्र महिलाओं को जरूरी कागजों समेत श्रम अधिकारी के जरिए इस योजना के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए स्वीकृति मिलने के बाद वित्तीय मदद सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट
हिमाचल प्रदेश सरकार इस समय आर्थिक संकट का सामना कर रही है। हिमाचल सरकार के अलग-अलग विभाग अपने कर्मचारियों को सैलरी और पेंशन नहीं दे पा रही है। अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट नेघाटे में चल रहे सभी होटलों को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया है। वहीं कोर्ट ने कहा कि इन होटलों को साफ-सुधरा रखने के लिए जो स्टाफ जरूरी है, उनको ही रखना चाहिए। वहीं बाकी स्टाफ को अन्य होटलों को ट्रांसफर कर दिया जाए, ताकि जहां स्टाफ की कमी है, वहां भरपाई हो सके। बता दें कि बीते रोज प्रदेश हाईकोर्ट ने बिजली कंपनी का अप फ्रंट मनी नहीं लौटाने पर दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच कर दिया था। वहीं कंपनी को उसे नीलाम कर अपनी रकम वसूलने की छूट दे दी थी।