राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Himachal Sukhu Govt Safe: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद जारी सियासी संकट के बीच राहत (Himachal Sukhu Govt Safe) की खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। हिमाचल के प्रभारी बनाए गए राजीव शुक्ला ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और कहा है कि आदमी बड़ा नहीं होता, संगठन बड़ा होता है।
#WATCH कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "हमने पर्यवेक्षक से वार्तालाप किया है और वर्तमान में जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उसके बारे में पर्यवेक्षक को जानकारियां दी हैं इसलिए जब तक निर्णय नहीं लिया जाता तब तक मैं अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालूंगा।..वे सभी विधायक से बात कर… https://t.co/BWG2GIBUpl pic.twitter.com/9ScO5Qdl7f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2024
सुक्खु सरकार पर कोई संकट नहीं
विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश की काँग्रेस की सुक्खु सरकार के बारे में बोलते हुए कहा कि सरकार पर कोई संकट नहीं (Himachal Sukhu Govt Safe) है। दरअसल, विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार सुबह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे। उन्होंने बिना नाम लिए सीएम पर अपमान करने का आरोप लगाया। परंतु अब काँग्रेस आलाकमान के पर्यवेक्षकों से विधायकों और विक्रमादित्य कि मीटिंग के बाद में हालात सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं।
#WATCH हिमाचल प्रदेश के मख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ''विक्रमादित्य सिंह मेरे छोटे भाई हैं और मैंने उनसे बात की है…उन्हें(कांग्रेस विधायक जिन्होंने राज्यसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था) पार्टी का सम्मान करना चाहिए था। वे मुझसे नाराज हो सकते हैं ,अभिषेक… pic.twitter.com/hwRkK4xn0N
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सीएम ने कहा कि सरकार 5 साल तक चलेगी
सीएम ने कहा, 5 साल तक सरकार चलाएंगे इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को दावा किया कि वह पूरे पांच साल (Himachal Sukhu Govt Safe) तक सरकार चलाएंगे। सुक्खू ने ‘पीटीआई वीडियो’ पर एक सवाल के जवाब में कहा, ”न तो केंद्रीय नेतृत्व और न ही किसी और ने मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहा है और ऐसा कुछ भी नहीं है।” उन्होंने कहा, “इस तरह का काम राज्य के लिए नहीं है।” बीजेपी नेताओं द्वारा किया गया। उन्हें अपने ही लोगों पर भरोसा नहीं है।
सत्ता हथियाने की कोशिश नाकाम हो गई है : सुखविंदर सिंह सुक्खू#SukhvinderSinghSukhu #HimachalPradesh #RajyaSabha #HimachalPoliticalCrisis pic.twitter.com/uXhGnCaoQT
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इस तरह विवाद शुरू हुआ
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस को करारा झटका (Himachal Sukhu Govt Safe) देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार को राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट जीत ली। भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया, जिससे विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए मंच तैयार हो गया। सुक्खू ने कहा, ”लेकिन एक बात मैं कहना चाहता हूं कि हिमाचल की जनता हमारे साथ है, विधायक हमारे साथ हैं और मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हम पांच साल तक हिमाचल की सरकार चलाएंगे।”
#WATCH शिमला, हिमाचल प्रदेश: इस्तीफा स्वीकार नहीं होने पर कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है… मैं दबाव नहीं लेता बल्कि मैं दबाव देता हूं…" pic.twitter.com/cBUvD1SkLb
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छह विधायकों ने पार्टी के खिलाफ वोट किया…
राज्य विधानसभा की 68 सीटों में से कांग्रेस के पास 40 और बीजेपी के पास 25 सीटें हैं। राज्य में तीन निर्दलीय (Himachal Sukhu Govt Safe) विधायक हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को मतदान बराबरी पर था। कांग्रेस और भाजपा दोनों उम्मीदवारों को 34 वोट मिले, जो दर्शाता है कि कम से कम छह कांग्रेस विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मतदान किया। उन्होंने कहा कि विजेता का फैसला लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया गया।
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