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हिंडनबर्ग का माधबी पुरी बुच पर नया खुलासा, कहा- SEBI चीफ रहते हुए इन 4 कंपनियों से लिया पेमेंट

Hindenburg on Congress' allegations against SEBI chief
Hindenburg new allegations against SEBI chief

Hindenburg:  अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग ने खुलासा किया है कि माधबी पुरी बुच ने SEBI के चेयरपर्सन रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए चार बड़ी और लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया। यह आरोप SEBI की निष्पक्षता पर उठते सवालों को और बढ़ा रहे हैं।

चार कंपनियों से पेमेंट का दावा

हिंडनबर्ग के अनुसार, माधबी पुरी बुच की कंसल्टिंग फर्म में 99% हिस्सेदारी है और उन्होंने इस फर्म के माध्यम से चार लिस्टेड कंपनियों से पैसे प्राप्त किए।  हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट में सिंगापुर स्थित एक कंसल्टिंग फर्म का भी जिक्र किया गया है।

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हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि बुच की प्राइवेट कंसल्टिंग कंपनी ने SEBI की पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट प्राप्त किया। इसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ रेड्डीज और पिडिलाइट जैसी कंपनियां शामिल हैं। हिंडनबर्ग ने इस पर भी सवाल उठाया कि बुच इन आरोपों पर पूरी चुप्पी साधे हुए हैं।

New allegations have emerged that the private consulting entity, 99% owned by SEBI Chair Madhabi Buch, accepted payments from multiple listed companies regulated by SEBI during her time as SEBI Whole-Time Member.

The companies include: Mahindra & Mahindra, ICICI Bank, Dr.…

— Hindenburg Research (@HindenburgRes) September 11, 2024

कांग्रेस के भी लगाए आरोप

हाल ही में SEBI के चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस पार्टी ने नए आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि माधबी पुरी बुच ने SEBI में अपनी भूमिका के दौरान अपनी प्रमोट की हुई कंसल्टेंसी कंपनी को करोड़ों रुपये का भुगतान दिलवाया। कांग्रेस के मुताबिक, अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी, जिसमें बुच की 99% हिस्सेदारी है, को 2016 से 2024 के बीच लगभग 3 करोड़ रुपये मिले।

इसमें से 2.59 करोड़ रुपये महिंद्रा एंड महिंद्रा से आए। कांग्रेस का दावा है कि यह क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी का मामला है क्योंकि इस समय SEBI महिंद्रा समूह के खिलाफ मामलों की जांच कर रही थी। इसके अनुसार, यह स्थिति SEBI कोड के सेक्शन 5 के तहत हितों के टकराव का मामला बन जाती है।

महिंद्रा और डॉ रेड्डीज ने आरोपों का खंडन किया

हालांकि महिंद्रा एंड महिंद्रा और डॉ रेड्डीज ने कांग्रेस के आरोपों को भ्रामक बताते हुए इनका खंडन किया है। कांग्रेस ने इससे पहले SEBI प्रमुख पर उनकी पूर्व नियोक्ता आईसीआईसीआई बैंक द्वारा भुगतान में अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जिसे आईसीआईसीआई बैंक ने खारिज कर दिया था।

हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट

हिंडनबर्ग ने पिछले महीने अडानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें SEBI की जांच पर सवाल उठाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि SEBI चीफ और उनके पति का अडानी समूह के साथ कमर्शियल रिलेशन है। उस समय माधबी बुच और उनके पति ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे विश्वसनीयता खराब करने का प्रयास बताया था। अडानी समूह ने भी इस संबंध में किसी तरह के कमर्शियल रिलेशन से इनकार किया था।

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माधबी पुरी बुच की चुप्पी पर सवाल

माधबी पुरी बुच ने अभी तक इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है, जिससे उनकी चुप्पी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस मौजूदा स्थिति में, SEBI की निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर किस तरह की प्रतिक्रिया आती है और SEBI कैसे इस विवाद को सुलझाता है।

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