श्रीलंका की 16वीं प्रधानमंत्री के रूप में हरिनी अमरसूर्या ने पदभार ग्रहण किया है। बता दें कि वो श्रीलंका के इतिहास में प्रधानमंत्री पद संभालने वाली तीसरी महिला बन गई हैं। श्रीलंका की नई पीएम हरिनी अमरसूर्या का भारत से कनेक्शन भी है।
भारत से की पढ़ाई
श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या का शैक्षिक सफर भारत से शुरू हुआ था। जानकारी के मुताबिक तमिल आंदोलन के दौरान श्रीलंका में स्कूल और कॉलेज बंद होने की वजह से उन्होंने 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया था। यहां उन्होंने समाजशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। जानकारी के मुताबिक हिंदू कॉलेज में अपने समय हरिनी अमरसूर्या ने ना सिर्फ पढ़ाई में उत्कृष्टता दिखाई थी, बल्कि कॉलेज के उत्सवों और डिबेट में सक्रिय रूप से भाग लिया था। इतना ही नहीं प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली उनके बैचमेट रहे हैं। वहीं स्नातक के बाद उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, स्कॉटलैंड से सामाजिक मानविकी में पीएचडी पूरी की है।
श्रीलंका वापसी
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हरिनी अमरसूर्या ने श्रीलंका में स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित NGO में काम किया था। जानकारी के मुताबिक हरिनी अमरसूर्या सुनामी से प्रभावित बच्चों की मदद करने के उनके प्रयासों ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई है। इसके बाद उन्होंने एक कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया और समाजशास्त्र और मानविकी के क्षेत्र में शिक्षा दी थी।
हरिनी का राजनीतिक करियर
जानकारी के मुताबिक 2019 में हरिनी ने जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के माध्यम से राजनीति में कदम रखा था। उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता और नेतृत्व क्षमता के चलते ही उन्हें 2020 में सांसद चुना गया था। वहीं सितंबर 2024 में उन्हें श्रीलंका की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।
भारत से गहरा संबंध
हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव ने हरिनी की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए सम्मान की बात है। उनका कहना था कि हिंदू कॉलेज की शिक्षा ने हरिनी को नेतृत्व कौशल को निखारने में मदद की होगी। उन्होंने कहा कि हरिनी की यह नई भूमिका भारत और श्रीलंका के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। उनके पूर्व बैचमेट्स ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जताई है। माना जा रहा है कि हरिनी के पीएम बनने के बाद और उनका भारत कनेक्शन के कारण भारत और श्रीलंका के रिश्तों मे और मजबूती देखने को मिल सकती है।