Holi Celebration in India: भारत के इन राज्यों में अनोखे अंदाज में मनाया जाता है होली का त्यौहार
Holi Celebration in India: भारत में होली का त्यौहार बड़े ही उमंग और हर्षोल्लास (Holi Celebration in India) के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार के लिए छोटे से लेकर बड़े तक सभी में उत्साह रहता है। हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन होली का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल होली का पर्व 25 मार्च 2024, सोमवार के दिन पड़ रहा है। रंगों और खुशियों के इस त्यौहार को पूरे भारत में अलग अलग व अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। कई जगहों पर रंगों का तो कई जगहों पर लट्ठमार तो वहीं कई जगहों पर जलसा निकालकर होली मनाने की पंरपरा है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही जगहों के बारे में बताने जा रहे है। तो आइए जानते है अलग-अलग तरीकों से होली मनाने की जानकारी :—
पंजाब की होला मोहल्ला होली
पंजाब में होली होला मोहल्ला के नाम से प्रसिद्ध है। यह पर्व पंजाब में होली के दिन नहीं बल्कि पूर्णिमा के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग रंगों से नहीं बल्कि तलवार बाजी, घुड़ सवारी,नाच,गाना और मार्शल आर्ट के माध्यम से होली का पर्व मनाते है। इस पर्व का आयोजन हर साल आनंदपुर साहिब में किया जाता है। इस कार्यक्रम के बाद बड़े बड़े लगंरों का आयोजन किया जाता है जिसमें हलवा,मालपुआ,पुरी और गुजिया परोसा जाता है। होला मोहल्ला से जुड़ी मान्यता है कि इस पर्व की शुरूआत सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह द्वारा की गई थी। वास्तव में यह सिख योद्धाओं की बहादुरी का जश्न मनाने का पर्व माना जाता हैं।
हरियाणा की कोलहड़े वाली होली
हरियाणा की होली कोलहड़े वाली होली के नाम से प्रसिद्ध है। लेकिन आज के समय में काफी कम लोग इसके बारे में जानते है। कोलहड़े होली में सारे गांव की महिलाओं द्वारा अपनी चुन्नी को मोड़-मोड़ कर एक रस्सी बनाती है और फिर उस रस्सी से लड़कों को मारती है। इस दौरान लड़के अपना बचाव करने के लिए महिलाओं पर पानी फेकतें है। होली की शाम को लड़के महिलाओं के लिए कुछ भी लेकर जाते है। हरियाणा के गांवों में कोलहड़े वाली होली की खेलने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है।
मथुरा-वृंदावन की लठमार होली
उत्तर प्रदेश में श्रीकृष्ण की नगरी में खेली जाने वाली होली पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसी में से एक लठमार होली है। जो मथुरा में खेली जाती है। इस होली में महिलाएं पुरूषों को लट्ठ यानी डंडों से खेल खेल में मारती है और उन्हें रंग लगती है। इस होली को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते है। वहीं बरसाना में छड़ीमार होली खेली जाती है। जिसमें महिलाएं प्रतिकात्मक तौर पर पुरुषों को लट्ठ या छड़ी से मारती हैं। वहीं पुरूष ढाल से अपनी सुरक्षा करते हे। इसके अलावा यहां पर लड्डू होली भी मनाई जाती है। जिसमें भगवान कृष्ण को लड्डू का भोग लगाने के बाद पुजारी उन्हीं लड्डूओं को भक्तों की ओर फेंकते हैं।
उत्तराखंड में पहाड़ की होली
उत्तराखंड में कई जगहों पर पहाड़ की होली खेली जाती हैं । इस होली के पर्व में कुमाऊं इलाके की बैठकी होली काफी प्रसिद्ध है। इसके साथ ही खड़ी होली भी खेली जाती है। इस दिन महिलाएं शास्त्रीय संगीत और गीतों के साथ होली को मनाती है। महिलाओं द्वारा कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। यह कार्यक्रम होली से एक दिन पहले शुरू होता है जिसमें स्थानीय कलाकार अपने हुनर दिखाते है।
गोवा की शिगमो-उत्सव
गोवा में 5 दिन तक होली के रूप में शिगमो-उत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसमें विभिन्न प्रकार की परेड निकाली जाती है और साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इतना ही नहीं इस उत्सव के आखिरी दिन पर गोवा के सभी बीचों को रंगों से सजाया जाता है और इन रंगों के बीच लोग होली खेलते है। इस उत्सव का आयोजन वास्को ,मडगांव और पंजिम में किया जाता हैं।
मराठी की पूरन होली
महाराष्ट्र में मराठी लोगों द्वारा पूरन होली मनाया जाता है। महाराष्ट्र समेत गोवा जैसी जगहों पर होली का पर्व फाल्गुन पूर्णिमा के रूप में जानते है। इस दौरान घर की महिलाएं घरों को लकड़ी,गोबर से बने उपले के साथ चना की बाली एकत्रित कर नारियल डालकर होलिका का पूजन करती है और उसके बाद उसे जलाया जाता है। इसमें महिलाओं के साथ पुरूष और बच्चें भी शामिल होते है। वहीं दूसरे दिन रंग खेलने के बाद नये कपड़े पहनकर बुजुर्गों के पैर पर गुलाल लगाने की परंपरा होती हैं।
कर्नाटक की हंपी होली
कर्नाटक में दो दिन की होली मनाई जाती है। जो काफी अनोखे तरीके की होती है। यह होली का पर्व हंपी में मनाई जाती है। इस दिन लोग ऐतिहासिक गलियों में ढोल नगाड़ों की थाप के साथ जुलूस निकालते है और रंगों की होली खेलते है। इसके बाद लोग तुंगभद्रा नदी और उसकी सहायक नहरों में स्नान करते है। हंपी में नाच गाकर रंगों से होली खेलने की पंरपरा है।
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