अमेरिकी संसद में ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंजे तो बड़ा गर्व महसूस हुआ…

पीएम मोदी जैसे ही अमेरिकी संसद पहुंचे तो तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी. यहां मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे. सभी सांसद खड़े होकर तालियां बजा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दूसरी बार संबोधित करना बड़े सम्मान की बात है. संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय चर्चा और प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। ऐसे में गुजरात फर्स्ट और ओटीटी इंडिया के हमारे चैनल हेड विवेक भट्ट जी ने हमारे साथ अपना वहां का अनुभव साझा किया। चलिए आपको उनकी इस खुशी और गौरवान्वित होने वाले पलों से आपको मिलाते हैं
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पहला दिन समर्पित था भारत की संस्कृति, संस्कार, विरासत और धरोहर को…
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जब ॐ की ध्वनि हर जगह गूंज रही थी, संस्कृत के श्लोक पढ़े जा रहे थे, वसुधेव कुटुमबकम के मंत्र के साथ जब सब लोग इकट्ठे हुए, और प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ उन्होंने योग किया। ये आनंद और गर्व का विषय था। वहां पर लोग कह रहे थे कि भारत को विश्व गुरु बनना नहीं है बन चुका है। ये मान नरेंद्र मोदी जी का तो है ही बल्कि हर भारतीय का मान है।  मोदी जी ने हर भारतीय और NRI को नाम दिया।  उसका नाम है राष्ट्रदूत।  

दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी जी के सम्मान में की गई तैयारियां सराहने लायक 
पूरा व्हाइट हाउस तिरंगे में रंग चुका था। बॉलीवुड के गाने चल रहे थे।  भारतीय परिधान, व्यंजन और कला देखने को मिल रही थी। भारत की संस्कृति दिख रही थी। व्हाइट हाउस में ये एक ऐतिहासिक दिन था क्योंकि व्हाइट हाउस के इतिहास में कभी इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं आए हैं।  प्रधानमंत्री मोदी के लिए गुजराती गरबे का आयोजन किया गया क्योंकि मोदी जी खुद गुजरात से हैं। टेस्ला के CEO एलन मस्क ने कहा कि वो मोदीजी के फैन हैं और उन्होंने कहा कि अगले साल टेस्ला भारत में आ रही है। 
अमेरिकी संसद में भारत माता की जय के नारे लगे
उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि पूरा संसद खचाखच भरा हुआ था, सभी सीनेटर और सभी सांसद वहां मौजूद थे.. दर्शक दीर्घा में अमेरिका के अलग-अलग राज्यों से कई लोग आए थे. और भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे गूंजने लगे. संसद में गुजरात फर्स्ट और ओटीटी इंडिया के चैनल हेड विवेककुमार भट्ट इन पलों के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि जब अमेरिकी संसद में भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगते हैं तो कोई भारतीय कितना गौरवान्वित महसूस करता है, इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। इन पलों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह उस देश के नागरिक हैं जिसकी अमेरिकी संसद में प्रशंसा हो रही है. इसका श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाने और उनका ऑटोग्राफ लेने के लिए अमेरिकी संसद में उत्साह
अमेरिकी कांग्रेस में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी के नाम की घोषणा की गई, दरवाजे खुल गए और जब एक विशेष प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें अंदर बुलाया तो उनका खड़े होकर स्वागत किया गया.. उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रवेश किया..। सभी सांसद और सीनेटर उनसे हाथ मिलाने के लिए होड़ करते नजर आए। जब उनका संबोधन शुरू हुआ तो उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी वहीं खड़ी थीं और सभी प्रमुख सीनेटर भी वहीं खड़े थे। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को जो सम्मान दिलाया है, उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता.. विवेककुमार भट्ट जी ने व्हाइट हाउस के अंदर के दृश्यों का जिक्र करते हुए कहा कि जब बात कोविड की आई और जिस तरह से भारत ने टीके पहुंचाए, तो उन्हें खड़े होकर तालियां मिलीं। 
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के दौरान कई बार खड़े होकर उनका अभिनंदन किया गया
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारत के विशाल रेल नेटवर्क का भी जिक्र किया, उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की आबादी जितने लोग प्रतिदिन भारत में रेल से यात्रा करते हैं, उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना कोई छोटी बात नहीं है मामला यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इसके लिए बनाए गए बुनियादी ढांचे के बारे में बात की और लोगों ने उनके भाषण की सराहना की।प्रधानमंत्री मोदी ने जब किसी भी सूरत में आतंकवाद को अंजाम न देने की बात कही और कहा कि जो लोग मानवता के खिलाफ हैं, उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा, तो अमेरिकी संसद भवन तालियों से गूंज उठा.
अमेरिका में भारतीय तकनीक की सराहना
टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हुए विवेककुमार भट्ट ने कहा कि भारत की टेक्नोलॉजी की वहां भी तारीफ हुई है… भारत का छोटे से छोटा व्यक्ति भी यूपीआई से पेमेंट स्वीकार करता है, डिजिटल पेमेंट करता है. अमेरिका में भी ऐसा नहीं है.. आज भी ज्यादातर लोग कार्ड से पेमेंट करते हैं, मोबाइल पेमेंट का चलन अमेरिका में अभी इतना नहीं देखा गया है, मोबाइल पेमेंट की सुविधा अमेरिका में बहुत कम जगहों पर है.
दिन-रात की मेहनत से त्वरित कवरेज जनता तक पहुंचाई गई
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा को कवर करने वाले चैनल हेड विवेक कुमार भट्ट ने भी इस रिपोर्टिंग का अपना निजी अनुभव साझा किया. पूरा प्रतिनिधिमंडल जहां भी जाना चाहता है वहां के लिए रवाना हो जाता है. करीब ढाई घंटे की सुरक्षा प्रक्रिया से गुजरने के बाद उन्हें एक विशेष बेस मिलता है.. जिसमें प्रवेश करना जरूरी होता है.. उन्होंने बताया कि होटल लौटते-लौटते आधी रात हो जाती है और नींद के मुश्किल से तीन-चार घंटे ही मिलते हैं. हालांकि, उन्होंने इसका पहला श्रेय टीम को दिया, जो पीएम मोदी के दौरे की कवरेज को जनता तक पहुंचाने के लिए दिन-रात काम कर रही है.
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