Brahmos Air Launched Missile: भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है. चीन और पाकिस्तान को और मजबूती से सबक सिखाने के लिए भारत अपनी मिसाइल क्षमता को बेहतर बनाने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल की एक्सटेंडेड रेंज का सफल परीक्षण किया है. बंगाल की खाड़ी में एसयू-30 एमकेआई विमान से लक्ष्य पर सटीक हमला करते हुए मिसाइल ने मिशन उद्देश्यों को हासिल किया. सुखोई विमान से प्रक्षेपण योजना के मुताबिक हुआ और मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में टारगेट पर सीधा हमला किया.
ब्रह्मोस मिसाइल एक्सटेंडेड रेंज का सफल टेस्ट
सुखोई-30 एमकेआई विमान के बेहतर प्रदर्शन के साथ एयर लांच ब्रम्होस मिसाइल की एक्सटेंडेड रेंज क्षमता भारतीय वायु सेना को एक रणनीतिक बढ़त देगी. इससे पहले भारतीय सेना की पश्चिमी कमान 29 नवंबर को सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपसॉनिक क्रूज मिसाइल का टेस्ट किया था. ये परीक्षण भारतीय सेना की अंडमान-निकोबार द्वीप समूह कमान की ओर से किया गया था.
दुश्मन के ठिकानों कर सकती है तबाह
जल, थल और आकाश में ब्रह्मोस मिसाइल के जरिए भारत की सुरक्षा चक्र काफी मजबूत हुआ है. ये मिसाइल दुश्मनों के ठिकानों को पल भर में नेस्तनाबूद करने की ताकत रखती है. इस मिसाइल का एयर लॉन्च वर्जन 2012 में सामने आया था और 2019 में इसे भारतीय वायुसेना में की सेवा में शामिल किया गया था. इस मिसाइल की रेंज को और बढ़ाने की योजना है.
कैसे नाम पड़ा ब्रह्मोस?
ब्रह्मोस को DRDO और रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी इंटरप्राइज NPOM के बीच साझा समझौते के तहत विकसित किया गया है. ब्रह्मोस एक मध्यम श्रेणी की स्टील्थ रैमजेट सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है. इस मिसाइल को जहाज, पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट या फिर धरती से लॉन्च किया जा सकता है. इस मिसाइल का नाम दो नदियों भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है. ऐसा माना जाता है कि ये एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के रूप में दुनिया में सबसे तेज है.
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