IAS अधिकारी ने निभाया 292 अनाथ बच्चों से किया गया वादा, खबर पढ़ आप भी कहेंगे- अधिकारी हो तो ऐसा!

कोरोना काल ने न जाने कितने परिवारों को तबाह कर दिया। इस दौरान सबसे ज्यादा मार उन बच्चों पर पड़ी, जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। ऐसे बच्चों के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं, लेकिन केरल के IAS अधिकारी कृष्णा तेजा ने इन बच्चों से एक खास वादा किया था। उन्होंने कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को घर देने का संकल्प लिया था। अब उन्होंने अपना वादा पूरा कर लिया है और इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

क्या था IAS कृष्णा तेजा का वादा?

मार्च 2022 में, जब कृष्णा तेजा एलेप्पी (अलप्पुझा) के जिला कलेक्टर थे, तब उन्होंने कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए एक योजना शुरू की। उन्होंने वादा किया कि वह ऐसे हर बच्चे को एक सुरक्षित घर और शिक्षा का माध्यम उपलब्ध कराएंगे। इस योजना के तहत कुल 292 बच्चों को घर दिए जाने थे। अब यह मिशन पूरा हो चुका है और सभी बच्चों को घर मिल चुके हैं।

IAS कृष्णा तेजा ने X पर शेयर किया पोस्ट

कृष्णा तेजा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी जानकारी शेयर की। उन्होंने लिखा, “वादा पूरा हुआ! मार्च 2022 में, एलेप्पी के जिला कलेक्टर के रूप में, मैंने उन बच्चों के लिए घर उपलब्ध कराने का संकल्प लिया था, जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता खो दिए थे। आज, अंतिम 6 घर सौंप दिए गए हैं। यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी 292 कोविड अनाथों के पास अब एक सुरक्षित घर और शिक्षा का माध्यम है।” उन्होंने इसके लिए सहयोग करने वालों का आभार भी व्यक्त किया।

कृष्णा तेजा ने अपने पोस्ट में लिखा कि यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक योजना नहीं थी, बल्कि इन बच्चों के प्रति हमारी जिम्मेदारी थी। मुझे खुशी है कि हमने अपना वादा पूरा किया और इन बच्चों को एक सुरक्षित भविष्य दिया।” उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को सफल बनाने में स्थानीय प्रशासन और समाज के लोगों का बड़ा योगदान रहा।

 

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट

कृष्णा तेजा का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को चार लाख से अधिक लोग देख चुके हैं और हजारों लोगों ने इस पर प्रतिक्रियाएं दी हैं। लोगों ने उनके इस प्रयास की सराहना की और उन्हें बधाई दी। एक यूजर ने लिखा, “वास्तव में बहुत बढ़िया काम किया है, आपके प्रयास की सराहना करते हैं।” वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, “आपको बहुत-बहुत बधाई सर, आप एक अच्छे अधिकारी हैं।” हालांकि, कुछ यूजर्स ने सवाल भी उठाए। एक यूजर ने पूछा, “मुझे बस यह जानना है कि बच्चों को घर सरकारी निधि, लोगों के टैक्स के पैसे से दिए गए या इसके लिए कोई अलग अभियान चलाया गया था?” वहीं, एक अन्य यूजर ने सवाल किया, “क्या आप मुझे इन घरों की लागत बता सकते हैं? घर तो वाकई बहुत सुंदर लग रहे हैं।”

क्या है योजना का मकसद?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को एक सुरक्षित भविष्य प्रदान करना था। कृष्णा तेजा ने न सिर्फ इन बच्चों को घर दिए, बल्कि उनकी शिक्षा का भी पूरा ख्याल रखा। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो और वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

लोगों ने कहा अधिकारी हो तो ऐसा

सोशल मीडिया पर लोगों ने कृष्णा तेजा के इस प्रयास की खूब सराहना की। एक यूजर ने लिखा, “मुझे लगता है कि आपने इन बच्चों के भविष्य की नींव रख दी है और अब इनका भविष्य सुनहरा होगा।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “यह सच में एक प्रेरणादायक कदम है। ऐसे अधिकारी हमारे देश को गौरवान्वित करते हैं।”

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