ICC New Rules: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने क्रिकेट के कई नियमों में बदलाव किया है. हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई। बता दें कि ये सभी नियम नए साल 2024 की शुरुआत के साथ ही लागू हो गए हैं. ये नए नियम इस साल होने वाले आईपीएल 2024 और फिर जून में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में लागू किए जाएंगे. ये नियम 3 जनवरी से भारत और दक्षिण अफ्रीका (IND vs SA) के साथ-साथ पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया (PAK vs AUS) के बीच होने वाले टेस्ट मैचों में भी लागू कर दिए गए हैं. क्या हैं नए नियम आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में…
आईसीसी ने क्रिकेट के दो नियमों में बड़ा बदलाव किया है
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने स्टंपिंग और DRS से जुड़े नियमों में बदलाव किया है. कई खिलाड़ी लंबे समय से इन नए प्लेइंग कंडीशन नियमों में बदलाव की बात कर रहे हैं, जबकि पूर्व खिलाड़ी भी अक्सर इन नियमों की खामियों को ठीक करने की बात करते थे, अब आईसीसी ने इन्हें बदलाव के साथ लागू कर दिया है। नियमों में ये संशोधन 12 दिसंबर 2023 से लागू हो गए हैं. अगर कोई टीम स्टंप आउट (Stump Out) चेक के दौरान विकेट के पीछे कैच के लिए रेफरल लेना चाहती है तो उसे अलग से डीआरएस लेना होगा। स्टंपिंग की जांच (Stumping Check) करते समय अंपायर अब कैच की जांच नहीं करेगा।
स्टंपिंग और डीआरएस के नियमों में बदलाव
ICC द्वारा सबसे बड़ा नियम बदलाव स्टंपिंग और उसके बाद अंपायर रिव्यू (Umpire Review) को लेकर है। अक्सर आपने देखा होगा कि स्टंपिंग के साथ-साथ यह भी चेक किया जाता था कि गेंद बल्ले को छू रही है या नहीं. इस दौरान अक्सर टीमों का डीआरएस (DRS) बच जाता था. इसे लेकर विकेटकीपरों ने पैंतरेबाज़ी शुरू कर दी. उन्होंने बार-बार बिना डीआरएस लिए कैच को चेक करने के लिए जानबूझकर स्टंपिंग की अपील की ताकि फील्ड अंपायर थर्ड अंपायर के पास जाए। लेकिन अब ये नियम बदल गया है. अब अगर तीसरा अंपायर स्टंपिंग की समीक्षा करेगा तो सिर्फ स्टंपिंग की जांच होगी, कैच आउट की नहीं. अगर फील्डिंग टीम को कैच चेक करना हो तो डीआरएस अलग से लेना पड़ता है.
इन नियमों में भी बदलाव किए गए हैं
इसके अलावा आईसीसी ने अब मैदान पर चोट लगने के दौरान खेल रोकने की समय सीमा भी तय कर दी है, जिसमें मैदान पर किसी खिलाड़ी के घायल होने पर खेल को सिर्फ 4 मिनट के लिए रोका जा सकता है। इसके अलावा अब थर्ड अंपायर (Third Umpire) के पास फ्रंट फुट (Front Foot) को छोड़कर सभी तरह की नो-बॉल चेक करने का अधिकार होगा। दूसरी ओर, अगर कोई खिलाड़ी किसी मैच में कन्कशन के कारण गेंदबाज की जगह लेता है, और अगर उस गेंदबाज को कन्कशन से पहले अंपायर द्वारा गेंदबाजी करने से निलंबित कर दिया गया है, तो प्रतिस्थापन खिलाड़ी भी गेंदबाजी नहीं कर सकता है।
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