देश के इन हमलों में हो चुका है IED का इस्तेमाल, नक्सलियों को कहां से मिलता है ये बम?

देशभर में सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि घात लगाकर बैठे आतंकी सुरक्षाबलों के ऊपर हमला कर देते हैं। बता दें कि आतंकवादी सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए सबसे अधिक आईईडी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईईडी क्या होता है और नक्सली/आतंकवादी सुरक्षाबलों पर हमले के लिए सबसे अधिक इसका इस्तेमाल क्यों करते है।

नक्सली/आतंकवादी इन बड़े हमलों में कर चुके हैं आईईडी का इस्तेमाल

• आतंकवादी कई बार सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए आईईडी का इस्तेमाल कर चुके हैं। आतंकियों ने अब तक आईईडी का इस्तेमाल करके सबसे बड़ा हमला जम्मू-कश्मीर पुलवामा में किया था। 14 फरवरी 2019 के दिन आंतकियों ने सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था। जिसमें सेना के 40 जवान शहीद हुए थे।
• इसके अलावा उसी साल 2019 में नक्सलियों ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में बड़ा आईईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें ड्राइवर समेत 15 कमांडो शहीद हुए थे। उस दौरान नक्सलियों ने C60 कमांडो की टीम पर घात लगाकर हमला किया था।


• आतंकियों ने दो जनवरी, 2016 को पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था। इस हमले में भी आतंकियों ने आईईडी का इस्तेमाल किया था। इस हमले में 7 जवान शहीद हुए थे और 20 अन्य घायल हुए थे।

• आतंकियों ने 21 फरवरी 2013 के दिन हैदराबाद के दिलसुख नगर इलाके में 150 मीटर के दायरे में दो आईईडी ब्लास्ट किया था। इस विस्फोट में 17 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 120 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
• जम्मू-कश्मीर में ही आतंकियों ने 13 जुलाई 2011 के दिन 3 आईईडी ब्लास्ट किए थे। इस हमले में 19 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा भी कई अन्य जगहों पर आतंकियों/नक्सलियों ने आतंकी हमले को अंजाम दिया है।

आतंकी क्यों करते हैं आईईडी का इस्तेमाल

बता दें कि आतंकी और नक्सली बहुत आसानी से आईईडी बम बना लेते हैं। वहीं इस बम का धमाका तेज और खतरनाक होता है, यही कारण है कि हमले के लिए आतंकी इसका इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं IED ब्लास्ट होते ही मौके पर अक्सर आग लग जाती है। आईईडी में कई घातक और आग लगाने वाले केमिकल मौजूद होते हैं, जो इस बम को और मजबूत बनाते हैं। आईईडी का इस्तेमाल अक्सर नक्सली और आतंकी सड़क के नीचे या किसी गाड़ी में लगाकर करते हैं। हालांकि सुरक्षाबलों द्वारा अक्सर नक्सली इलाकों में सड़कों और जंगलों में आईईडी को लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया जाता है।

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