अगर राशिद इंजीनियर को जमानत मिली! तो कितने बदलेंगे जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरण?
Rashid Engineer: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को बारामुला से सांसद राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। राशिद इंजीनियर की जनामनत याचिका पर कोर्ट 4 सितंबर को फैलसा सुनाएगी। वहीं सुरक्षा एजेंसी एनआईए ने राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका का विरोध किया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी जोरों पर है। ऐसे में अगर राशिद इंजीनियर को कोर्ट द्वारा जमानत मिल जाती है तो कश्मीर की राजनीति में काफी कुछ बदलने की संभावना जताई जा रही है।
90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। राशिद के इस ऐलान से घाटी की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। 2024 में जब उसने लोकसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था तब भी सबको चौंका दिया था। अब उनकी नजर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पर है।
राशिद का राजनीति से कितना है नाता
राजनीति की शुरुआत में राशिद इंजीनियर ने सबसे पहले निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उसने 2013 में ‘आवामी इत्तेहाद पार्टी’ बनाई। 2014 में विधायकी का चुनाव लड़ा और जीत गया। साल 2014 में उसने लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गया। अब वह 2024 में बारामूला से सांसद बना है। बता दें कि जब जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाई गई थी तो राशिद ने इस फैसले का जमकर विरोध किया था।
उमर अब्दुल्ला को हराया
राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनावों में जम्मू और कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को 2 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। राशिद के सांसदी पद जीतने के बाद अदालत ने उसे 5 जुलाई को सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए दो घंटे की कस्टडी पैरोल दी थी।
राशिद 2019 से जेल में बंद
बता दें कि राशिद 2019 से आतंकी फंडिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उसे एनआईए द्वारा आतंकी फंडिंग मामले में कथित संलिप्तता को लेकर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आरोपित किया गया था। वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। उसका नाम कश्मीरी व्यापारी जहूर वटाली की जांच के दौरान भी सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को पैसे देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बता दें कि इस मामले में एनआईए ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 2022 में मलिक ने आरोपों को स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
कौन है राशिद इंजीनियर
राशिद का पूरा नाम शेख अब्दुल राशिद है। लेकिन उसे राशिद इंजीनियर के नाम से ज्यादा जाना जाता है। राशिद साल 2008 और 2014 में कुपवाड़ा के अंतर्गत लंगेट विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक बन चुका है। 2019 में उसने बारामुला के कुपवाडा सीट से सांसद पद के लिए चुनाव लड़ा था। फिर उसने 2024 में बारामूला से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। वर्तमान में वह बारामुला से लोकसभा सांसद है। बता दें कि राजनीति में आने से पहले राशिद जम्मू-कश्मीर लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर था। इसलिए लोग उसे इंजीनियर राशिद के नाम से भी जानते हैं।
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