प्रयागराज में इस बार दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव महाकुंभ हो रहा है। देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु यहां आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं। महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक संगम नहीं, बल्कि नागा बाबाओं, अघोरियों, महिला संतों और विश्वभर के सम्मानित धार्मिक नेताओं से मिलने का मंच भी है।
यहां कई अनोखे रूप देखने को मिलते हैं कोई भगवान शंकर की तरह सजकर आता है, तो कोई मां काली का वेश धारण करता है। इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा IITian बाबा की हो रही है। लोग इन्हें इंजीनियर बाबा भी कहते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। लेकिन विज्ञान के रास्ते को छोड़कर उन्होंने आध्यात्म की ओर रुख किया। अब उनका मानना है कि आध्यात्म की जिंदगी ने उन्हें सच्ची शांति दी है।
कौन हैं ये इंजीनियर बाबा? कहां के रहने वाले हैं?
इंजीनियर बाबा, जिनका असली नाम अभय सिंह है, हरियाणा के रहने वाले हैं। उनके इंस्टाग्राम प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में भी यह दावा किया है। अभय सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने बॉम्बे IIT से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद, उन्होंने कैंपस इंटरव्यू में हिस्सा लिया, जिसमें उनका सिलेक्शन हो गया। उन्हें एक कंपनी से लाखों का पैकेज मिला था। अभय ने कुछ समय तक उस कंपनी में नौकरी भी की थी।
He is Abhey Singh. An iitian and aerospace engineer who recently became viral due to his spiritual take at Kumbh
He regularly posts his spiritual journey videos on his insta(Abhey_singh) pic.twitter.com/888TVunOnQ
— Hindutva Knight (@HPhobiaWatch) January 14, 2025
ट्रैवल फोटोग्राफी का था पैशन
अभय सिंह को स्कूल के समय से ही फोटोग्राफी का शौक था, खासकर ट्रैवल फोटोग्राफी। उनका सपना था कि इस शौक को आगे बढ़ाने के लिए कुछ सीखें। इंजीनियरिंग पढ़ाई के दौरान उन्हें लगा कि यह उनका रास्ता नहीं है, इसलिए उन्होंने इसे छोड़कर ट्रैवल फोटोग्राफी का कोर्स किया।
इस कोर्स ने उनकी जिंदगी और सोच को एक नया नजरिया दिया। कुछ समय के लिए उन्होंने एक कोचिंग सेंटर भी चलाया, जहां वह फिजिक्स पढ़ाते थे, लेकिन उनका मन वहां नहीं लगता था। धीरे-धीरे उनका झुकाव आध्यात्म की तरफ बढ़ने लगा, और उन्होंने अपनी जिंदगी को एक नई दिशा में मोड़ दिया।
इंजीनियरिंग से ज्यादा फिलॉसफी में था इंटरेस्ट
इंजीनियर बाबा ने बताया, “इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान, मेरा झुकाव फिलॉसफी की तरफ होने लगा। कोर्स के अलावा मैं दर्शनशास्त्र की किताबें पढ़ता था। जिंदगी का मतलब समझने के लिए मैंने नवउत्तरवाद, सुकरात, और प्लेटो की किताबें और लेख पढ़े। फिर एक वक्त ऐसा आया जब मैंने आध्यात्म की राह चुन ली।”
महादेव के नाम कर दी पूरी ज़िन्दगी
इंजीनियर बाबा ने अपनी पूरी जिंदगी भगवान शिव को समर्पित कर दी है। उनका कहना है, “अब आध्यात्म में एक अलग ही आनंद मिल रहा है। मैं विज्ञान के ज़रिए आध्यात्म को समझने की कोशिश कर रहा हूं और इसकी गहराई में जा रहा हूं। मेरे लिए सब कुछ शिव में ही है। सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदर है।”
आध्यात्मिक जीवन का अनुभव
जब उनसे पूछा गया कि आध्यात्मिक जीवन कैसा लग रहा है, तो उन्होंने कहा, “यह मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दौर है। अगर आप सच्चे ज्ञान की तलाश करेंगे, तो आखिर में यहीं आकर रुकेंगे।”
कैसा रहा महाकुंभ का एक्सपीरिएंस
इंजीनियर बाबा ने महाकुंभ में शामिल होकर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें मन की शांति का अनुभव हो रहा है। संगम में डुबकी लगाकर वह अपनी आत्मा की शांति की तलाश कर रहे हैं। इससे पहले भी वह कई धार्मिक स्थानों पर जा चुके हैं। अब वह इस आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं।
इंस्टाग्राम पर अभय बाबा के 4342 फॉलोअर्स
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इंस्टाग्राम पर अभय बाबा के 4342 फॉलोअर्स हैं, और वो खुद 38 लोगों को फॉलो करते हैं। IITian बाबा ने अब तक अपने इंस्टाग्राम पर 645 पोस्ट किए हैं। उनके पोस्ट का ज्यादातर हिस्सा ध्यान, योग, सूत्र और कालचक्र जैसे विषयों पर होता है। साथ ही, उन्होंने अपनी लिखी एक किताब का लिंक भी इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।
अभय सिंह ने एक पोस्ट में लिखा है, “मां-बाप भगवान नहीं हैं, बल्कि भगवान ही भगवान हैं। वैसे तो फिर सभी भगवान ही हैं।”
एक और पोस्ट में वो कहते हैं, “अगर ईश्वर ही एकमात्र सत्य है और बाकी सब उसका ही रूप है, तो आप सोचें कि मां बड़ी है या भगवान। असल में, लोग मां के लिए भगवान शब्द का इस्तेमाल करते हैं, बिना यह समझे कि इसका मतलब क्या है। यह देवी भी हो सकती है या विश्व माता भी। लेकिन असली सवाल यह है कि क्या यह सत्य है। माया से बनी चीजों की तुलना उस शक्ति से करना, जो सब कुछ बनाने वाली है, मूर्खता है।”
एक वीडियो में बाबा ने आंखों की शक्ति पर बात की। उन्होंने कहा, “आपकी आंखें एक ऐसा यंत्र हैं, जिससे आप ऊर्जा और शक्ति के रूप को बनते या बिगड़ते देख सकते हैं। लेकिन आपको क्या देखना है, यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है।”
नाखून बढ़ाने से वह और अधिक शांत महसूस करते है
इंजीनियर बाबा ने काशी (वाराणसी) में 4 महीने बिताए हैं। इसके अलावा, वह हरिद्वार और ऋषिकेश में भी रह चुके हैं। अपनी ताकत और ध्यान की शक्ति को बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने बाल और नाखून लंबे कर लिए हैं। उनके माथे पर भभूत लगी होती है और गले में रुद्राक्ष की माला होती है। उनका कहना है कि नाखून बढ़ाने से वह और अधिक शांत, सजग और जागरूक महसूस करते हैं।