भारत का एक पड़ोसी देश ऐसा है, जो सबसे अधिक खुशहाल देशों में एक है। जी हां, आज हम भूटान देश की बात कर रहे हैं। भूटान के खुशहाल होने के पीछे वहां के सरकार की योजना भी शामिल है। क्योंकि भूटान एक ऐसा देश है, जहां सरकार सबको रहने को घर देती है और भोजन की गारंटी देती है। यही कारण है कि इस देश में आपको ना तो कोई भिखारी मिलेगा और ना ही कोई बेघर मिलेगा।
भूटान
भूटान के लोग सबसे अधिक खुशहाल रहते हैं। क्योंकि हर किसी के पास अपना मकान है। भूटान के लोग आमतौर पर खुशहाल जीवन गुजारते हैं। भूटान की सबसे बड़ी बात ये भी है कि यहां के नागरिकों का इलाज एकदम मुफ्त में होता है। इतना ही नहीं दवाओं का खर्च भी सरकार ही उठाती है। यहां पर कोई भी नागरिक भूखा नहीं रहता है। भूटान इस मामले में एशिया का सबसे खुशहाल देश है।
भूटान में खुशी मंत्रालय
भूटान में 2008 में लोगों की आंतरिक शांति का ख्याल रखने के लिए सकल राष्ट्रीय खुशी समिति का गठन किया गया था। यहां जनसंख्या जनगणना प्रश्नावली में एक कॉलम भी होता है, जहां आप बता सकते हैं कि आप अपने जीवन से संतुष्ट हैं या नहीं। यहां एक खुशी मंत्रालय भी है, जो सकल घरेलू खुशी को मापता है। यहां पर जीवन की गुणवत्ता उनके वित्तीय और मानसिक मूल्यों के बीच संतुलन से निर्धारित होती है।
सड़क पर कोई भिखारी नहीं
इतना ही नहीं भूटान में कोई सड़कों पर नहीं रहता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अपना घर खो देता है, तो उसे राजा के पास जाना होता है, जो उन्हें जमीन का एक टुकड़ा देता है। जहां वो व्यक्ति घर बनाकर रह सकता है और सब्जियां पैदा कर सकता है। ये कारण है कि भूटानी लोग खुद को खुश मानते हैं और अपने जीवन से संतुष्ट रहते हैं। भूटान में पारंपरिक और शास्त्रीय दोनों तरह की चिकित्सा मिलना आम है।
विदेशी से नहीं कर सकते हैं शादी
भूटान में किसी विदेशी से शादी करना निषिद्ध है। क्योंकि राजा अपनी विशिष्टता और दुनिया के बाकी हिस्सों से अलगाव को संरक्षित करने के लिए वह सब कुछ करता है। हालांकि ये नियम वहां के राजा पर लागू नहीं होता है।
प्लास्टिक बैन
बता दें कि भूटान पर्यावरण क्षेत्र में अग्रणी रहा है। वहीं प्लास्टिक की थैलियां वहां 1999 से ही प्रतिबंधित हैं और तंबाकू लगभग पूरी तरह से ग़ैरक़ानूनी है। यहां क़ानूनन देश के 60% भाग में जंगल होने ही चाहिए। भूटान के लोग और सरकार अब भी बढ़ते पेड़ों पर भी विशेष ध्यान देते हैं। इतना ही नहीं 2015 में भूटान ने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जब लोगों ने सिर्फ एक घंटे में 50,000 पेड़ लगाये थे।