वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 को पेश कर दिया है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इस बार इस सेक्टर के लिए बजट को दोगुना किया गया है, ताकि भारत की ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में स्थिति को और मजबूत किया जा सके। अब सवाल यह है कि क्या इस बजट के साथ भारत, चीन को चुनौती देने में सक्षम होगा? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
सेमीकंडक्टर बजट में हुई 83 फीसद की बढ़त
इस बार के बजट में भारत ने सेमीकंडक्टर के लिए बजट में 83 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिससे अब सेमीकंडक्टर का बजट करीब 7,000 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, मोबाइल फोन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनीशिएटिव (PLI) स्कीम का बजट भी 55 प्रतिशत बढ़कर 9,000 करोड़ रुपये हो गया है।
चीन का सेमीकंडक्टर बजट भारत से बहुत ज्यादा
भारत और चीन के सेमीकंडक्टर बजट की तुलना करें, तो चीन का बजट लगभग 47 बिलियन डॉलर (करीब 4 लाख करोड़ रुपये) है, जो भारत से काफी ज्यादा है। हालांकि, चीन और अमेरिका के बीच जारी व्यापार युद्ध का भारत के लिए फायदा हो सकता है। अमेरिका ने चीन पर कई टैरिफ लगाए हैं, जिससे चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर असर पड़ सकता है, और यह भारत के लिए एक मौका बन सकता है।
इस बार भारत का बजट आवंटन
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले यूनिट के लिए 1,503 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था, जो अब वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बढ़कर 6,903 करोड़ रुपये हो गया है। इसके अलावा, पीएलआई स्कीम के लिए भी बजट में वृद्धि हुई है। जहां पिछले वर्ष 4,560 करोड़ रुपये का बजट था, वहीं इस बार यह बढ़कर 6,200 करोड़ रुपये हो गया है।
भारत में स्मार्टफोन सेक्टर देश की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी वजह से सरकार ने मोबाइल फोन बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनीशिएटिव (PLI) स्कीम के तहत 8,885 करोड़ रुपये का बजट रखा है। यह राशि पिछले वित्त वर्ष 2025 के लिए 5,747 करोड़ रुपये थी, जिसमें 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
मेन इन इंडिया को दिया जा रहा बढ़ावा
सरकार ने मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर सीमा शुल्क को 10% से बढ़ाकर 20% करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही ओपन सेल और अन्य पार्ट्स पर शुल्क को घटाकर 5% करने का प्रस्ताव भी रखा गया है। इसके अलावा, सरकार ने एलसीडी और एलईडी टीवी के लिए सीमा शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव किया है ताकि ओपन सेल के निर्माण को बढ़ावा मिल सके। पहले सरकार ने सीमा शुल्क को 5% से घटाकर 2.5% कर दिया था।
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