Indian fishermen released

पाकिस्तान से वापस अपने वतन भारत लौटे 22 भारतीय, वाघा बॉर्डर के रास्ते आये

पाकिस्तान की कराची जेल में बंद 22 भारतीय मछुआरों को शनिवार को रिहा कर भारत भेज दिया गया। अधिकारियों के मुताबिक, इन मछुआरों को वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों के हवाले किया गया।

रिहा किए गए मछुआरों को ईदी फाउंडेशन की विशेष बस से कराची से लाहौर लाया गया। फाउंडेशन के प्रवक्ता ने बताया कि हर मछुआरे को 5,000 पाकिस्तानी रुपये, खाना और कुछ उपहार दिए गए हैं।

कराची से रिहा किए गए भारतीय मछुआरों में भूपत, माला, कृष्ण, खलाफ, मोहन, आसिफ, अशोक, अकबर, लखमन, मोजी, दीपक, राम, हरि, टपू, सुरेश, विजय, मनोज कुमार, वीनू, महेश, सुभाष, संजय और सेलेंद्र शामिल हैं। मलीर (कराची) जेल अधीक्षक अरशद शाह ने बताया कि इन सभी मछुआरों को अपनी सजा पूरी करने के बाद जेल से रिहा किया गया है।

मछुआरों के प्रति रखे थोड़ी संवेदना 

भारत और पाकिस्तान के मछुआरे अक्सर मछली पकड़ते हुए गलती से एक-दूसरे की समुद्री सीमा पार कर जाते हैं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है। ईदी फाउंडेशन के अध्यक्ष फैसल ईदी ने दोनों देशों से अपील की है कि वे इन मछुआरों के प्रति अधिक सहानुभूति और उदारता दिखाएं।

266 भारतीय पाकिस्तान में कैद 

भारत और पाकिस्तान ने 1 जनवरी को कैदियों की सूची साझा की। इस सूची के मुताबिक, पाकिस्तान की जेलों में कुल 266 भारतीय कैदी हैं, जिनमें से 217 मछुआरे हैं। वहीं, भारत की जेलों में 462 पाकिस्तानी कैदी हैं, जिनमें 81 मछुआरे शामिल हैं।

पाकिस्तान से मछुआरे आये वापस 

लोकसभा में 12 दिसंबर 2024 को विदेश मंत्रालय ने बताया कि 2014 से अब तक पाकिस्तान से 2639 भारतीय मछुआरों को वापस लाया जा चुका है। फैसल ईदी ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि लंबे समय तक जेल में रहने वाले मछुआरों के परिवार बहुत तकलीफ झेलते हैं। उन्होंने सजा पूरी होने के बाद उनकी तुरंत रिहाई और जल्द वापसी की मांग की।

जब भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाता है, तो पाकिस्तानी अधिकारी उन्हें वाघा सीमा तक पहुंचाते हैं। वहां भारतीय अधिकारी जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उनकी वापसी की व्यवस्था करते हैं। इसी तरह, जब पाकिस्तान के मछुआरों को छोड़ा जाता है, तो भारतीय अधिकारी उन्हें वाघा सीमा तक पहुंचाते हैं, जहां से पाकिस्तानी अधिकारी उन्हें अपने देश वापस ले जाते हैं।

 

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