गुजरात: पाकिस्तान की नाक के नीचे एक नया एयरबेस बना रहा है भारत, वायु सेना को मिलेगी ताकत
स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर
यह एयरबेस गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। इसके निर्माण से भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स की पावर और रेंज में बहुत बढ़ोतरी होगी। इससे गुजरात में स्थित भुज और नलिया, राजस्थान में जोधपुर, जयपुर और बाड़मेर जैसे एयरबेस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा।
डीसा एयरफील्ड का निर्माण कच्छ और दक्षिणी राजस्थान में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आएगा। उड़ान (UDAN) योजना के तहत यहां लोकल फ्लाइट सेवाएं भी शुरू की जा सकेंगी। यह एयरफील्ड कांडला पोर्ट और जामनगर रिफायनरी के पूर्व में स्थित है, जिससे ऊर्जा के क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
वायुसेना आसानी से कर सकेगी ऑपरेशंस
इस एयरफील्ड की स्थिति भारतीय वायुसेना के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीमा से केवल 130 किलोमीटर दूर है। इससे वायुसेना पश्चिमी सीमा पर आवश्यक ऑपरेशंस आसानी से कर सकेगी, चाहे वो भूमि पर हों या समुद्र में। इससे अहमदाबाद और वड़ोदरा जैसे आर्थिक केंद्रों को दुश्मन के हमलों से सुरक्षा मिलेगी।
डीसा एयरफील्ड से ह्यूमेनिटेरियन असिस्टेंस और डिजास्टर रिलीफ (HADR) ऑपरेशंस को भी बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा। यहां बनाए जा रहे रनवे पर बड़े विमानों, जैसे बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर, की लैंडिंग संभव होगी।
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