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भारत अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतियों को लेने के लिए तैयार, बोले जयशंकर

डोनाल्ड ट्रंप के बाद अमेरिका की नई इमिग्रेशन पॉलिसी के चलते हजारों भारतीय प्रवासियों को अपने देश लौटने का खतरा बढ़ गया है। इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत उन भारतीयों की वापसी के लिए हमेशा तैयार है, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं। उन्होंने बताया कि भारत अब भी अमेरिका से उन लोगों की जानकारी प्राप्त कर रहा है, जिन्हें वापस भेजा जा सकता है, और अभी उनकी संख्या का पता नहीं चल पाया है।

भारत वैध आवाजाही का बड़ा समर्थक: जयशंकर 

जयशंकर ने भारतीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘हम एक सरकार के रूप में वैध आवाजाही के बड़े समर्थक हैं क्योंकि हम वैश्विक कार्यबल में विश्वास करते हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभा और कौशल को दुनियाभर में ज्यादा से ज्यादा मौके मिलें। साथ ही, हम अवैध प्रवास और अवैध आवाजाही का विरोध करते हैं।’’ वैश्विक कार्यबल से तात्पर्य उन श्रमिकों से है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करते हैं, जैसे कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले, अस्थायी प्रवासी श्रमिक, दूरस्थ कार्य करने वाले लोग और अन्य श्रमिक।

अवैध होना ठीक नहीं: एस जयशंकर 

जयशंकर ने कहा, “आप जानते हैं कि जब कुछ अवैध होता है, तो उसके साथ कई और अवैध काम भी जुड़ जाते हैं, जो सही नहीं हैं। यह देश की प्रतिष्ठा के लिए भी अच्छा नहीं है। और यह सिर्फ किसी एक देश के साथ नहीं, बल्कि हर देश में ऐसा होता है, अमेरिका भी इसमें अलग नहीं है। हम हमेशा यह कहते आए हैं कि अगर हमारा कोई नागरिक वहां अवैध रूप से है और अगर हमें लगता है कि वे भारतीय हैं, तो हम उनकी कानूनी तरीके से भारत वापसी के लिए हमेशा तैयार हैं।”

यह बयान मंत्री ने उन खबरों के जवाब में दिया था, जिनमें कहा गया था कि भारत अमेरिका में लगभग 1,80,000 भारतीयों की वापसी पर काम कर रहा है, जिनके पास दस्तावेज़ नहीं हैं या जिनके वीज़ा की अवधि समाप्त हो चुकी है।

बिना पुष्टि के नहीं होगी वापसी 

जयशंकर ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बातचीत की है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वीजा के लिए 400 दिन का इंतजार करना पड़े, तो मुझे नहीं लगता कि इससे हमारे रिश्ते अच्छे होंगे। रूबियो ने भी इस पर ध्यान दिया।’’ जयशंकर ने आगे कहा, ‘‘मैंने आंकड़े देखे हैं। हमारे लिए यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। यह तब ही मायने रखेगा जब हम यह पुष्टि कर सकें कि संबंधित व्यक्ति भारतीय मूल का है।’’

 

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