Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास (Chinmay Krishna Das) की गिरफ्तारी को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न दिए जाने की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। बता दें, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोट के प्रवक्ता भी हैं
ढाका से किया था गिरफ्तार
चिन्मय कृष्ण दास, जिन्हें चिन्मय प्रभु के नाम से भी जाना जाता है, बांग्लादेश में हिंदुओं (Bangladeshi Hindu) के अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक प्रमुख नेता हैं। वे बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोट के प्रवक्ता भी हैं। 25 नवंबर को उन्हें ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया, जब वे चटगांव (Chatgaon) की यात्रा पर जा रहे थे।
गिरफ्तारी का कारण अक्टूबर में चटगांव में आयोजित एक बड़ी रैली से जुड़ा है, जिसमें उन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। इस घटना के बाद 31 अक्टूबर को 19 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें चिन्मय कृष्ण दास भी शामिल थे।
भारत ने जताई नाराज़गी
भारत ने बांग्लादेश में इस्कॉन (ISKON) के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर इस घटना की निंदा की। मंत्रालय ने कहा कि यह गिरफ्तारी बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर चरमपंथी तत्वों द्वारा किए गए कई हमलों के बाद हुई है। बयान में यह भी कहा गया कि अल्पसंख्यकों के घरों और दुकानों में आग लगाने, लूटपाट करने, मूर्तियों और मंदिरों को नुकसान पहुंचाने के कई मामले सामने आए हैं।
विदेश मंत्रालय ने इस बात पर दुख जताया कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुले घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखने वाले धार्मिक नेता पर आरोप लगाए जा रहे हैं। मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। इसमें उनके शांतिपूर्ण एकत्र होने और अपनी बात रखने की आजादी भी शामिल है। भारत ने बांग्लादेश से यह भी कहा है कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे और उन पर हो रहे हमलों को रोके।
बांग्लादेशी हिन्दुओं ने गिरफ्तारी के विरोध में किये प्रदर्शन
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। ढाका और चटगांव में हिंदू समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतरकर अपना गुस्सा जाहिर किया। प्रदर्शनकारियों ने चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की और सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा न करने का आरोप लगाया।
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पिछले कुछ समय से चिंताजनक रही है। देश में हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं।
वीएचपी ने घटना को बताया कायरतापूर्ण
भारत के अलावा, अन्य संगठनों ने भी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दी है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बांग्लादेश सरकार से चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा करने की मांग की है। वीएचपी ने इस कार्रवाई को “कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक” बताया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुकांत मजूमदार ने भी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की है और विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देने और तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है।