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India UAE Relations : पीएम मोदी के नेतृत्व में अरब देशों से बढ़े रिश्ते, जानें कैसे बदली तस्वीर…

India UAE Relations became closer under leadership of PM Modi
India UAE Relations became closer under leadership of PM Modi

अहमदाबाद (डिजिटल डेस्क)। India UAE Relations : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार रात गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर अहमदाबाद पहुंचे। एयरपोर्ट पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने उनका स्वागत किया। तीन दिवसीय दौरे के दौरान पीएम मोदी वाइब्रेंट गुजरात समिट और अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी आज यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ रोड शो करेंगे। तो आइए जानते हैं कि पीएम मोदी कितनी बार यूएई का दौरा कर चुके हैं और कैसे है भारत और यूएई के बीच संबध…

पीएम मोदी कितनी बार गए हैं यूएई?

प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 के बाद से खाड़ी देश की अपनी पांचवीं यात्रा के दौरान संयुक्त अरब अमीरात (India UAE Relations) के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से बातचीत की। उन्होंने इससे पहले 2015, 2018, 2019 और 2022 में अरब देश का दौरा किया था। अब तक 9 साल के कार्यकाल में पीएम मोदी 5 बार यूएई का दौरा कर चुके है।

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जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर यूएई भारत के साथ

पाकिस्तान में कश्मीरियों के नाम पर एजेंडा चलाने वाले कार्यकर्ता जम्मू-कश्मीर में यूएई की कंपनी एम्मार के निवेश से परेशान हैं। कार्य़कर्ता यूएई के फैसले का विरोध कर रहे हैं और इसे ‘धोखाधड़ी’ बता रहे है। इसमें कहा गया है कि इस्लामिक देश ने इस निवेश के जरिए संदेश दिया है कि उसे कश्मीर के लोगों की परवाह नहीं है और यूएई ने भारत के साथ बेहतर आर्थिक और राजनयिक संबंध बनाने के लिए मुसलमानों को समर्थन देना बंद कर दिया है।

2019 में पीएम मोदी को यूएई का सर्वोच्च सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अबू धाबी में यूएई (India UAE Relations) के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया गया है। अबू धाबी में आयोजित एक समारोह में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने पीएम मोदी को यह सम्मान दिया। इससे पहले यह सम्मान रूसी राष्ट्रपति पुतिन, महारानी एलिजाबेथ, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दिया जा चुका है। पीएम मोदी यूएई का दो बार दौरा कर चुके हैं। जब कि क्राउन प्रिंस दो बार भारत का दौरा भी कर चुके हैं।

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पीएम मोदी ने 8 साल में पांच बार यूएई का दौरा किया

नरेंद्र मोदी पिछले नौ साल से प्रधानमंत्री हैं। अपने अब तक के शासनकाल के दौरान, उन्होंने खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। जब मोदी 2014 में प्रधान मंत्री बने, तो 2002 के गुजरात दंगों को लेकर खाड़ी देशों में उनकी छवि भारत के साथ उनके संबंधों को प्रभावित करती दिखी। उनके आठ साल के कार्यकाल के दौरान नियम के अनुसार, उन्होंने खाड़ी के इस्लामिक देशों के साथ संबंधों को बहुत गंभीरता से लिया है।

जहां तक ​​यूएई (India UAE Relations) का सवाल है, मोदी ने यूएई की अपनी पहली यात्रा अगस्त 2015 में, दूसरी फरवरी 2018 में और तीसरी अगस्त 2019 में और चौथी यात्रा की। जून 2022 में किया गया। मौजूदा दौरा उनकी यूएई की पांचवीं यात्रा है। जब मोदी ने पहली बार अगस्त 2015 में यूएई का दौरा किया था, तो यह पिछले 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली यात्रा थी। मोदी से पहले इंदिरा गांधी ने 1981 में यूएई का दौरा किया था।

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भारत-यूएई संबंधों के तीन स्तंभ

भारत और संयुक्त अरब अमीरात तीन ई – ऊर्जा, अर्थव्यवस्था और प्रवासी (भारतीय) पर निर्भर हैं। पिछले वित्तीय वर्ष (2022-23) के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात भारत को कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था। यह भारत के तेल आयात का दस प्रतिशत हिस्सा था। लेकिन भारत ने अब 2030 तक संयुक्त अरब अमीरात के साथ गैर-तेल व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का फैसला किया है।

पिछले साल दोनों के बीच हस्ताक्षरित सीईपी (व्यापक आर्थिक साझेदारी) समझौते ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ते संबंधों में यह एक दशक में भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला मुक्त व्यापार समझौता है। भारत ने आखिरी बार 2011 में जापान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

भारत 2027 तक अपनी अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाना चाहता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह 2030 तक अपने निर्यात को एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाना चाहता है। सीईपीए इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। 1971 में यूएई के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार सिर्फ 180 मिलियन डॉलर था, जो अब बढ़कर 85 बिलियन डॉलर हो गया है। 2021-22 में अमेरिका और चीन के बाद यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। अमेरिका के बाद भारत संयुक्त अरब अमीरात का सबसे बड़ा निर्यातक है।

संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत संजय सुधीर के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत का व्यापार एक साल में 19 प्रतिशत बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी वर्तमान संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति के साथ ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और रक्षा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। जिस गति से यूएई के साथ भारत के व्यापारिक रिश्ते बढ़ रहे हैं, वह कई विश्लेषकों के लिए चौंकाने वाला है।

संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय अप्रवासियों की भूमिका और भारत को लाभ

भारतीय समुदाय के लोग यूएई (India UAE Relations) की रीढ़ हैं। संयुक्त अरब अमीरात की लगभग 10 मिलियन की आबादी में भारतीय अप्रवासी 35 प्रतिशत हैं। ये लोग वहां हर क्षेत्र में काम करते हैं और यूएई की अर्थव्यवस्था के लिए अपरिहार्य हैं। भारत खाड़ी देशों से बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा कमाता है। 2020 में, दुनिया भर में रहने वाले भारतीयों ने 83 बिलियन डॉलर भारत भेजे। इसका एक बड़ा हिस्सा खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों का था। अमेरिका में रहने वाले भारतीय सबसे ज्यादा पैसे भेजते हैं।

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