बांग्लादेश में हिंदुओं पर टारगेट हमले लगातार जारी हैं। अभी हाल ही में हिंदू पुजारी चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद भारत में भी इसका कड़ा विरोध जताया था। लेकिन अब बांग्लादेश ने भारतीय राजनयिक को तलब किया है। दरअसल त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेशी राजनयिक मिशन में तोड़फोड़ की घटना हुई थी।
बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त को किया गया तलब
बांग्लादेश में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त को मंगलावर को तलब किया गया है। वहीं अगरतला की घटना को लेकर विरोध जताया है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेशी राजनयिक मिशन में तोड़फोड़ की घटना हुई थी। इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की कार्रवाई की गई है। वहीं इस घटना के आड़ में बांग्लादेश ने अगरतला में अपनी काउंसलर सर्विस को भी बंद करने का ऐलान किया था। बांग्लादेश की सरकारी न्यूज एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संस्था (BSS) के मुताबिक भारतीय उच्चायुक्त मंगलवार शाम चार बजे विदेश मंत्रालय में दाखिल हुए थे। उन्हें बांग्लादेश के कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्लाह ने तलब किया।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि कल यानी सोमवार (2 दिसंबर 2024) को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थित बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में कथित तौर पर कुछ लोग घुस गये थे। जिसके बाद उन्होंने वहां जमकर हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की थी। इस घटना की भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी निंदा की और कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इस घटना के बारे में पश्चिम त्रिपुरा के एसपी किरण कुमार ने बताया कि ड्यूटी में कथित लापरवाही के चलते चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही मामले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
बांग्लादेश में हिंसा जारी
बता दें कि बांग्लादेश में इसी साल जुलाई में सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा था। बांग्लादेश में इस तख्तापलट के बाद से ही वह 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार लगातार हिंदुओं को टारगेट कर रही है। वहीं इस बीच पिछले हफ्ते चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद इस तनाव ने बड़ा रूप ले लिया था।
हिंदूओं पर हिंसा जारी
बांग्लादेश में हिंदूओं पर जारी हिंसा को लेकर भारत ने भी कड़ा विरोध दर्ज किया है। लेकिन इसके बावजूद बांग्लादेश सरकार वहां पर मौजूद अल्पसंख्यक हिंदूओं को लगातार टारगेट कर रही है।