भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक काश पटेल ने शुक्रवार को वॉशिंगटन डीसी में FBI निदेशक पद की शपथ ली। उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर यह शपथ ग्रहण की। बता दें कि अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। समारोह वॉशिंगटन डीसी के व्हाइट हाउस स्थित इंडियन ट्रीटी रूम में आयोजित किया गया था। इस मौके पर पटेल ने अमेरिका की सराहना करते हुए कहा कि उनके लिए यह एक सपना सच होने जैसा है।
“मैं अमेरिकी सपना जी रहा हूं”: काश पटेल
शुक्रवार को वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के इंडियन ट्रीटी रूम में आयोजित एक शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने काश पटेल कोE पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर पटेल ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली, जिससे भारतीय मूल के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
पटेल का गुजरात से लेकर अमेरिका तक का सफर
काश पटेल का परिवार मूल रूप से भारत के गुजरात राज्य के आनंद जिले के भद्रन गांव से ताल्लुक रखता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका परिवार करीब 70 साल पहले युगांडा चला गया था। 1970 के दशक में जब युगांडा से भारतीयों को निकाला गया, तब उनका परिवार कुछ समय के लिए भारत लौटा और फिर कनाडा चला गया। इसके बाद वे अमेरिका में बस गए, जहां 1980 में काश पटेल का जन्म हुआ।
FBI को बेहतर बनाने का लिया संकल्प
FBI प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद काश पटेल ने कहा, “मैं अमेरिकी सपने को जी रहा हूं। अगर कोई सोचता है कि अमेरिकी सपना मर चुका है, तो उसे मुझे देखना चाहिए। मैं पहली पीढ़ी का भारतीय हूं जो अमेरिका की शीर्ष जांच एजेंसी का नेतृत्व कर रहा है।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि एफबीआई के कामकाज में जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने की तारीफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल की तारीफ करते हुए उन्हें FBI का सर्वश्रेष्ठ निदेशक बताया। ट्रंप ने कहा, “FBI एजेंट उनका सम्मान करते हैं। वे सख्त और बेहद मजबूत व्यक्ति हैं। इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि वे इस पद पर बेहतरीन काम करेंगे।”
सीनेट में करीबी मुकाबले में मिली मंजूरी
काश पटेल की नियुक्ति को अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को 49 के मुकाबले 51 वोटों से मंजूरी दी। हालांकि, डेमोक्रेट्स के साथ-साथ दो रिपब्लिकन सीनेटर लिसा मुरकोव्स्की और सुसान कॉलिन्स ने भी उनके नाम का विरोध किया था। इसके बावजूद, ट्रंप प्रशासन का समर्थन मिलने के कारण उनकी नियुक्ति सफल रही।
गुजरात में हर्ष का माहौल
काश पटेल के FBI के निदेशक बनने की खबर गुजरात के आनंद जिले में हर्षोल्लास का कारण बनी। स्थानीय लोगों और पाटीदार समुदाय के नेताओं ने उनके परिवार की जड़ों को याद किया। स्थानीय निवासी राजेश पटेल ने बताया कि पटेल का परिवार 1970 में युगांडा से निकाले जाने के बाद कुछ समय के लिए भारत लौटा था, लेकिन बाद में कनाडा और फिर अमेरिका चला गया। भद्रन गांव में उनके पुश्तैनी मकान अब बिक चुके हैं, लेकिन उनके पूर्वजों की यादें आज भी वहां जीवंत हैं।
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