Indian Students Death: अमेरिका में एक हफ्ते में तीन भारतीय छात्रों की मौत
Indian Students Death: अमेरिका में एक ही हफ्ते में तीन भारतीय छात्रों की मौत (Indian Students Death) से भारत में बैठे उनके परिजनों में काफी डर फैल गया है। भारतीय छात्रों की मौत से उनके माता-पिता की चिंताएँ तो बढ़ी ही है पर साथ ही छात्रों में चिंता बढ़ गई है। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के सिनसिनाटी में एक भारतीय छात्र ही मृत पाया गया है। अमेरिका में एक ही हफ्ते में ये तीसरी मौत है। हालांकि, अभी तक सनसिटी में मृत पाए गए छात्र की मौत का कारण सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिका में पढ़ने गए छात्रों को लेकर अभिभावकों में काफी चिंता है।
एक हफ्ते में ये तीसरी मौत
जानकारी के मुताबिक, 25 वर्षीय भारतीय छात्र विवेक सैनी ने हाल ही में अमेरिका से एमबीए पूरा किया था। 16 जनवरी को एक बेघर ड्रग एडिक्ट जूलियन फॉकनर ने उस पर बेरहमी से हमला (Indian Students Death) किया। सैनी ने फॉकनर को उस स्टोर में आश्रय दिया जहां वह काम करता था। विवेक ने हमले से पहले दया और सहयोग के दृष्टिकोण से हमलावर को चिप्स, पानी, कोक और एक जैकेट देकर भी मदद की। दुर्भाग्य से, जब सैनी ने फॉकनर को जाने के लिए कहा, तो स्थिति ने गंभीर मोड़ ले लिया, जिसके कारण फॉकनर ने विवेक सैनी पर हथौड़े से हमला कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप सैनी की मृत्यु हो गई।
मदद के बदले मिली दर्दनाक मौत
विवेक सैनी ने जूलियन फॉकनर नामक शख्स को बेसहाय देखा तो इंसानियत के नाते उसकी मदद के लिए स्टोर में आश्रय दिया और खाने पीने के लिए भी समान देकर उसकी मदद की। परंतु विवेक नहीं जानता था कि जूलियन ड्रग एडिक्ट है। जब जूलियन की पर्याप्त मदद विवेक ने कर दी तो विवेक ने जूलियन से जाने के लिए कहा, परंतु ये बात जूलियन को नागवार गुज़री और बहस शुरू हुई। इसके बाद जूलियन ने विवेक पर हथोड़े से लगातार वार किया, 50 से ज्यादा बार बेरहमी से विवेक पर हथोड़े बरसाए गए। विवेक कि दर्दनाक मौत (Indian Students Death) हो गयी।
नील 28 जनवरी को लापता हो गया था
एक अन्य घटना में, पर्ड्यू विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान के प्रमुख नील आचार्य 28 जनवरी को लापता हो गए। कुछ दिनों बाद उनका शव (Indian Students Death) विश्वविद्यालय परिसर में पाया गया। नील की मां गौरी आचार्य ने सोशल मीडिया पर अपने लापता बेटे के बारे में जानकारी देने की अपील की। उनकी मौत के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। सोश्ल मीडिया पर इस पोस्ट को खूब शेयर किया गया। परंतु अंत में नील आचार्य को मृत ही पाया गया।
सोशल मीडिया पर पोस्ट करके मदद मांगी
नील की मौत की पुष्टि करने से पहले उनकी मां गौरी आचार्य ने सोमवार को सोशल मीडिया ऐप एक्स पर लिखा, ‘हमारा बेटा नील आचार्य कल यानी 28 जनवरी को लापता हो गया। वह अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। उसे आखिरी बार एक उबर ड्राइवर ने देखा था। उसने उसे पर्ड्यू विश्वविद्यालय छोड़ दिया। अगर आप कुछ जानते हैं तो कृपया हमारी मदद करें।” शिकागो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”वाणिज्य दूतावास पर्ड्यू विश्वविद्यालय के अधिकारियों और नील के परिवार के संपर्क में है। वाणिज्य दूतावास हर संभव सहायता प्रदान करेगा।” परंतु दूतावास और नील के परिवार के हाथ नील का शव (Indian Students Death) ही लगा। नील की मृत्यु के पीछे के कारणों कि जांच की जा रही है।
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