ब्रिटेन में भारतीय छात्रों को नौकरी क्यों नहीं मिल रही? लेक्चरर की तीखी टिप्पणी ने मचाया हंगामा!

ब्रिटेन में पढ़ने गए भारतीय छात्रों के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है? क्या डिग्री लेने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही? एक ब्रिटिश लेक्चरर ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर ऐसा बयान दे दिया कि हंगामा मच गया। उन्होंने रेडिट पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी और बताया कि भारतीय स्टूडेंट्स की पढ़ाई और स्किल्स में क्या कमी है, जिसकी वजह से उन्हें जॉब मार्केट में सफलता नहीं मिल रही।

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में 80% भारतीय छात्र!

ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले इस लेक्चरर ने बताया कि उनके कॉलेज में लगभग 80% स्टूडेंट्स भारत से आते हैं। ये सभी एक साल के मास्टर्स प्रोग्राम में दाखिला लेते हैं ताकि पढ़ाई के बाद उन्हें जॉब मिल सके और वे ब्रिटेन में बसने का सपना पूरा कर सकें। हालांकि, लेक्चरर के मुताबिक, भारतीय छात्र पढ़ाई से ज्यादा पार्ट-टाइम जॉब पर फोकस करते हैं, जिसकी वजह से उनका करियर खतरे में पड़ जाता है।

पढ़ाई से ज्यादा पैसे कमाने पर ध्यान!

लेक्चरर का कहना है कि ज्यादातर भारतीय छात्र ब्रिटेन आकर पढ़ाई पर फोकस करने के बजाय खर्च चलाने और पैसे कमाने के पीछे भागते हैं।
“कई छात्र इतने बिजी हो जाते हैं कि जिस मकसद से वे यहां आए हैं, उसे ही भूल जाते हैं। अगर आप यूके में जॉब मार्केट में सर्वाइव करना चाहते हैं, तो सिर्फ डिग्री काफी नहीं है, आपको स्किल्स, नॉलेज और एक मजबूत प्रोफेशनल पोर्टफोलियो बनाना होगा।”

भारतीय छात्रों की सबसे बड़ी कमजोरी क्या?

लेक्चरर ने अपनी पोस्ट में लिखा कि भारतीय छात्रों में कम्युनिकेशन स्किल, कॉन्फिडेंस और एक्टिवनेस की कमी है। वे क्लास में चुपचाप रहते हैं, ग्रुप डिस्कशन में हिस्सा नहीं लेते और इंटरव्यू में अपनी बात रखने में हिचकिचाते हैं। जबकि, ब्रिटेन की जॉब मार्केट में कंपनियां उन्हीं लोगों को चुनती हैं जो आत्मविश्वास से भरे हों और अपनी बात को सही तरीके से रख सकें। “अगर आप किसी इंटरव्यू में जाते हैं और बिना आत्मविश्वास के जवाब देते हैं, तो आपको जॉब नहीं मिलेगी। ब्रिटेन के एम्प्लॉयर्स को ऐसे लोग चाहिए जो कॉन्फिडेंट हों, अपनी बात स्पष्ट रूप से कह सकें और आलोचनात्मक सोच रखते हों। लेकिन भारतीय छात्र इस मामले में पीछे रह जाते हैं।”
पहले भारतीयों को मेहनती मानता था, लेकिन अब राय बदल गई! इस लेक्चरर ने बताया कि शुरू में वह भारतीय छात्रों को बेहद मेहनती और इंटेलिजेंट मानते थे, लेकिन जब उन्होंने इन्हें पढ़ाया तो उनकी राय बदल गई। उनका कहना है कि ये छात्र स्किल डेवलपमेंट की जगह सिर्फ पैसा कमाने के बारे में सोचते हैं।
“अगर आप यूके में लंबे समय तक रहकर करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि स्किल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग पर भी फोकस करना होगा।”

तो भारतीय छात्रों को नौकरी क्यों नहीं मिल रही?

अगर सीधे शब्दों में कहें तो:

भारतीय छात्र पढ़ाई की जगह पार्ट-टाइम जॉब पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
उनमें कम्युनिकेशन स्किल और कॉन्फिडेंस की कमी होती है।
वे अपनी बात को प्रभावी ढंग से रखने में असफल होते हैं।
उनके पास जॉब मार्केट के हिसाब से जरूरी स्किल्स और पोर्टफोलियो नहीं होता।
वे आलोचनात्मक सोच और प्रोफेशनल अप्रोच में कमजोर होते हैं।

क्या है समाधान?

अगर भारतीय छात्र ब्रिटेन में सफलता पाना चाहते हैं, तो उन्हें निम्न बातों पर ध्यान देना होगा:
सिर्फ डिग्री लेने की बजाय स्किल डेवलपमेंट पर फोकस करें।
कम्युनिकेशन स्किल्स और कॉन्फिडेंस बढ़ाने की कोशिश करें।
नेटवर्किंग पर ध्यान दें और प्रोफेशनल माहौल में खुद को प्रेजेंट करना सीखें।
इंटरव्यू स्किल्स और प्रेजेंटेशन में सुधार करें।
पढ़ाई को प्राथमिकता दें, न कि सिर्फ पैसे कमाने को।

ब्रिटेन में भारतीय छात्रों का भविष्य

ब्रिटेन की जॉब मार्केट लगातार टफ होती जा रही है, खासकर विदेशी छात्रों के लिए। अगर भारतीय छात्र खुद को समय रहते नहीं सुधारते, तो भविष्य में जॉब पाना और भी मुश्किल हो सकता है। लेक्चरर की यह पोस्ट इसी ओर इशारा करती है कि भारतीय छात्रों को सिर्फ डिग्री पर नहीं, बल्कि स्किल्स और प्रोफेशनलिज्म पर ध्यान देना होगा।
अब देखना यह है कि इस पोस्ट पर भारतीय छात्रों की क्या प्रतिक्रिया आती है और वे इस आलोचना से कुछ सीखते हैं या नहीं!

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