राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Indian Temple: हमारे देश कई ऐसे मंदिर (Indian Temple) है जो अपनी बनावट मान्यताओं और अद्भूत चमत्कारों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। किसी भी मंदिर में जाने पर व्यक्ति का मन शांत, खुशी और प्रफुल्लित हो जाता है। हमारे देश में कई ऐसे मंदिर और धार्मिक स्थल है जहां पर महिलाओं का जाना वर्जित है। लेकिन क्या आप जानते है हमारे देश में ऐसे भी मंदिर है जहां पर पुरूषों को जाना ही निषेध है। या सिर्फ किसी खास मौके पर ही उन्हें मंदिर में आने की अनुमति दी जाती है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है जहां पर पुरूषों की ‘नो एंट्री’ है। तो आइए जानते है इन मंदिरों के बारे में :—
कामाख्या मंदिर, असम
भारत में असम के गुवाहटी में नीलांचल पहाड़ियों पर कामाख्या मंदिर (Indian Temple) स्थापित है। यह भव्य अंबुबाची मेले का आयोजन होता है जहां दूर-दूर से भक्त आते हैं। सभी शक्तिपीठों में कामाख्या शक्तिपीठ का स्थान सबसे ऊपर माना जाता है। मंदिर का मुख्य द्वार 4 दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है। माना जाता है कि वह समय माता के मासिक धर्म के होते है। इन दिनों में इस मंदिर में पुरूषों को आना वर्जित होता है। इस दौरान इस मंदिर की पूजारी और कर्मचारी भी महिलाएं ही होती है। इस मंदिर में मादा पशुओं की बलि नहीं दी जाती। वहीं मान्यता है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
अट्टुकल भगवती मंदिर, केरल
केरल का अट्टुकल भगवती मंदिर (Indian Temple) एक समय ऐसा होता है जब सिर्फ इस मंदिर पर महिलाओं का ही वर्चस्व होता है और मंदिर की सारी जिम्मेदारी महिलाओं के हाथ में होती है। अट्टुकल पोगंल के दौरान मनाया जाता है। जिसमें हजारों संख्या में महिलाएं एकत्रित होती है। यह त्यौहार फरवरी और मार्च के बीच में मनाया जाता है और इस दौरान इस मंदिर में पुरूषों का प्रवेश निषेध माना जाता है। महिलाओं की इतनी भारी संख्या की वजह से इस मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया हैं ।
कुमारी अम्मन मंदिर, कन्याकुमारी
कन्याकुमारी में स्थित कुमारी अम्मन मंदिर (Indian Temple) में मां दुर्गा की पूजा की जाती हैं । इस मंदिर में विवाहित पुरूष को मंदिर में जाने की मनाही होती है और सिर्फ ब्रह्मचारी पुरुष ही इस मंदिर में जा सकते है। ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां पर मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या की थी और उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर में सिर्फ सिर्फ महिलाएं ही मां दुर्गा की पूजा कर सकती हैं ।
चक्कुलाथुकावु मंदिर, केरल
केरल के चक्कुलाथुकावु मंदिर में मां भगवती की पूजा की जाती है। इस मंदिर में पुरूषों को एक विशिष्ट समय में आने की अनुमति नहीं होती। यहां पर नारी पूजा की जाती है जो करीबन 10 दिनों तक चलती है। यह पूजा हर साल दिसंबर के पहले शुक्रवार के दौरान की जाती है। पूजा के अंतिम दिन पुरुष पुजारी उन सभी महिलाओं के पैर धोते है जिन्होंने 10 दिनों तक उपवास किया होता है। इस दिन को धनु कहा जाता है।
ब्रह्मा देव मंदिर, पुष्कर
ब्रह्मा देव मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। पूरे भारत में ब्रह्मा भगवान का मंदिर सिर्फ यही देखा जाता है। इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में कराया गया था और यहां पर पुरूषों का आना बिल्कुल मना है। मान्यता है कि देवी सरस्वती के श्राप की वजह से यहां पर विवाहित पुरूष नहीं आ सकते है। शादीशुदा महिलाएं मंदिर के गर्भ में जाकर पूजा सकती है लेकिन पुरूष सिर्फ बाहर से ही मां के दर्शन कर सकते हैं।
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