Republic day Chief Guest

राष्ट्रपति सुबियांतो होंगे गणतंत्र दिवस के मेहमान, जानें कैसे चुने जाते है चीफ गेस्ट

Republic day Chief Guest: इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि होंगे। वे 25 और 26 जनवरी को भारत का दौरा करेंगे। हर साल गणतंत्र दिवस पर किसी खास देश के नेता को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करने की परंपरा 1950 से शुरू हुई थी।

पिछले साल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि थे, और 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को यह सम्मान दिया गया था।

इस बार सुबियांतो की यात्रा को खास माना जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि भारत गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि का चुनाव कैसे करता है, और इस बार इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?

21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ होता है स्वागत 

गणतंत्र दिवस पर विदेशी नेता को चीफ गेस्ट बनाना उनके लिए भारत का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। वे इस खास मौके पर होने वाली सभी सेरेमनी में हिस्सा लेते हैं। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है और राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनका स्वागत किया जाता है।

शाम को राष्ट्रपति उनकी इज़्ज़त में एक स्पेशल रिसेप्शन रखते हैं। चीफ गेस्ट महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट जाते हैं। प्रधानमंत्री उनके सम्मान में एक खास आयोजन करते हैं, जिसमें उपराष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कई बड़े नेता उनसे मुलाकात करते हैं।

चीफ गेस्ट बनने का सम्मान हर किसी को नहीं मिलता। इसके लिए एक लंबी और गहरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। यही वजह है कि ये सम्मान खास और अनमोल माना जाता है।

ऐसे चुनें जातें हैं गणतंत्र दिवस के  चीफ गेस्ट

भारत में गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि चुनने की प्रक्रिया आयोजन से करीब 6 महीने पहले शुरू हो जाती है। इस फैसले में कई अहम बातों का ध्यान रखा जाता है। भारत के पूर्व एम्बेसडर मानबीर सिंह के मुताबिक, मुख्य अतिथि का चयन करते समय उस देश के साथ भारत के रिश्तों पर खास नजर डाली जाती है। यह देखा जाता है कि दोनों देशों की आर्मी, राजनीति और अर्थव्यवस्था के बीच कैसे संबंध हैं। इन सभी पहलुओं पर गहराई से विचार करने के बाद विदेशी मेहमान का नाम चुना जाता है। आखिर में, इस नाम को विदेश मंत्रालय से मंजूरी मिलती है।

450 मिलियन डॉलर की ब्रह्मोस डील होगी फ़ाइनल 

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की भारत यात्रा के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर एक बड़ा समझौता हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रालय ने 450 मिलियन डॉलर के इस सौदे के लिए जकार्ता में भारतीय दूतावास को एक संदेश भेजा है।

इस डील को सफल बनाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक इंडोनेशिया को कर्ज देने की योजना पर काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि ऋण देने की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में है।

 

 

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