International Women’s Day 2024: आखिर क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, जानें कैसे हुई इसकी शुरूआत
International Women’s Day 2024: हर साल पूरी दुनिया में 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day 2024) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओें को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। वैसै तो समाज और देश के विकास में जितना योगदान पुरूषों का है उतनी ही महिलाओं का भी माना जाता है। लेकिन समाज में उनके योगदान और सम्मान में एक खास दिन निश्चित किया गया है और वो खास दिन 08 मार्च है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर साल सिर्फ 08 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरूआत आखिर कैसे हुई थी। तो आइए जानते है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य :-
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 थीम:-
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कैंपेन Inspire Inclusion (इंस्पायर इंक्लूजन) पर आधारित है। वहीं इस साल इसकी थीम ‘महिलाओं में निवेश: प्रगति में तेजी लाना’ है। जो महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देता है। इस थीम को रखने का उद्देश्य लैंगिक समानता हासिल करने और 20230 तक महिलाओं को सशक्त बनाने के लक्ष्यों पर फोकस है। संयुक्त राष्ट्र महिला के अनुसार दुनिया कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रही है और ऐसे में महिलाओं को सशक्त बनाकर ही इन समस्याओं से बाहर निकला जा सकता है। महिलाओं में निवेश करके ही एक सशक्त,स्वस्थ्य और सुरक्षित समाज बना सकते है।
आखिर क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस:-
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से जुड़ा एक इतिहास है। जिसके अनुसार 1908 में अमेरिका में अपने अधिकारो की मांग के लिए मजदूर आंदोलन किया गया था। इस आंदोलन में करीबन 15 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हुई थी। इन सभी मजदूरों की मांग की थी उनके नौकरी के घंटों को कम किया जाए और उनका वेतन बढ़ाया जाए। साथ ही महिलाओं को मतदान का अधिकार भी दिया जाए। सरकार ने उनकी मांगो पर विचार किया वहीं 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने महिला दिवस मनाने की घोषणा की। इसके बाद 1911 में स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया,डेनमार्क और जर्मनी में पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
हर साल में 08 मार्च को ही क्यों मनाते है:-
हर साल में 08 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बनाने के पीछे एक खास वजह है। दरअसल अमेरिका में कामकाजी महिलाओं द्वारा 08 मार्च को ही अपने अधिकारों के लिए आंदोलन की शुरूआत की गई थी। वहीं 1917 में विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं द्वारा ब्रेड और पीस के हड़ताल की गई थी । इस हड़ताल की वजह से सम्राट निकोलस अपना पद त्यागना पड़ा था और इसके बाद ही महिलाओें को मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ था। वहीं दूसरी तरफ यूरोप की महिलाओं ने 08 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थी। जिसकी वजह से हर साल 08 मार्च को ही महिला दिवस मनाए जाने लगा। वहीं 8 मार्च, 1975 को संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दे दी साथ ही इसे हर साल एक स्पेशल थीम पर सेलिब्रेट करने का निर्णय लिया गया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य:-
महिला दिवस मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को बराबर का दर्जा दिलाना है। इस दिन पूरी दुनिया में महिलाओं के अधिकारों के प्रति लोगों का ध्यान दिलाने और जागरूकता फैलाने के लिए कई सारे प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है। वहीं भारत में नारी के सम्मान में कहा गया है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात जहां पर नारी की पूजा की जाती है वहां पर भगवान का वास होता है।
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