इंडिया गठबंधन

इंडिया गठबंधन में क्या पड़ रही है दरार? केजरीवाल के बाद अब मीटिंग से TMC का किनारा

इंडिया गठबंधन में बिखराब की खबर सामने आ रही है। दरअसल लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के इरादे से बनाए गए INDIA गठबंधन में बिखराव देखने को मिल रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए कई मुद्दों को लेकर विपक्षी गठबंधन में आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है। ऐसे में माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में बिखराव हो सकता है।

क्या है मामला

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया गठबंधन में बिखराव हो सकता है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) ब्लॉक की बैठक बुलाई है। इस बैठक की कमान राहुल गांधी संभाल रहे थे और उन्होंने योजना की रूपरेखा बताई थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बैठक में उपस्थित लोगों से कहा कि क्रोनी कैपिटलिज्म और ईवीएम लोगों के मुद्दे हैं। जानकारी के मुताबिक एक तरफ जहां कांग्रेस चाहती है कि गौतम अडानी और ईवीएम के मुद्दे को सदन में उठाया जाए, तो वहीं कई दल चाहते हैं कि ऐसे मुद्दों को सदन में उछाला जाए, जिसका जनता से सीधा सरोकार होना चाहिए।

टीएमसी ने बैठक से किया किनारा

सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में इंडिया ब्लॉक के संस्थापक सदस्य तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने हिस्सा ही नहीं लिया था। वहीं टीएमसी ने बैठक में भाग न लेने पर कहा कि हम स्पष्ट हैं कि हम लोगों के मुद्दों पर मोदी सरकार से भिड़ना चाहते हैं। टीएमसी के मुताबिक क्रोनी कैपिटलिज्म और ईवीएम जैसे मुद्दे लोगों को पसंद नहीं आते हैं। पार्टी ने सवाल करते हुए कहा कि उन इलाकों को देखिए जहां राहुल गांधी ने प्रचार किया है, अगर उन्होंने जो कहा वह लोगों के लिए मायने रखता तो कांग्रेस क्यों हारी?”

सपा और आम आदमी पार्टी

टीएमसी, समाजवादी पार्टी (एसपी) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे सहयोगी दल कांग्रेस के ईवीएम और क्रोनी कैपिटलिज्म के प्रति “जुनून” को लेकर उत्साहित नहीं हैं। जबकि कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो’ की तर्ज पर ‘ईवीएम जगाओ यात्रा’ की योजना बनाई है और इंडिया ब्लॉक पार्टियों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। लेकिन उनमें से अधिकांश ने बहुत कम रुचि दिखाई है। कुछ लोगों ने यह भी पूछा है कि क्या यह यात्रा उन राज्यों से होकर गुजरेगी जहां कांग्रेस ने चुनाव जीता है।

टीएमसी के मुद्दे अलग

टीएमसी का साफ कहना है कि उनकी पार्टी के सांसद जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर मोदी सरकार से भिड़ना चाहते हैं। जिनमें महंगाई, बेरोजगारी, किसान, उर्वरक और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसके साथ ही सपा चाहती है कि इन मुद्दों के साथ-साथ संभल हिंसा को भी जोड़ दिया जाना चाहिए। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा भी कि हमारे लिए अडानी से बड़ा मुद्दा किसान हैं और संभल हिंसा है।

केजरीवाल की घोषणा

बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है। अरविंद केजरीवाल ने बीते रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार किया है।