Uddhav Thackeray BJP alliance

उद्धव ठाकरे के बदल रहे सुर, पहले फडणवीस की तारीफ अब RSS की प्रशंसा

कुछ दिनों पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने मुखपत्र *सामना* में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जमकर तारीफ की थी। अब उनकी पार्टी के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रशंसा की है।

संजय राउत ने कहा कि संघ के कार्यकर्ताओं ने बूथ लेवल पर जो मेहनत की है, उसका सीधा फायदा बीजेपी को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मिला है।

इन बयानों के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या उद्धव ठाकरे और शिवसेना का बीजेपी के प्रति रुख फिर से बदल रहा है?

फडणवीस की तारीफ से मची हलचल 

उद्धव ठाकरे ने जब “सामना” के जरिए देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की, तो महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई। फडणवीस की तारीफ ने राज्य में सियासी माहौल को गर्मा दिया। उद्धव के विरोधियों को यह तारीफ बिल्कुल पसंद नहीं आई।

उद्धव ने फडणवीस के गढ़चिरौली दौरे की सराहना करते हुए उन्हें “गढ़चिरौली का मसीहा” तक कह दिया। उन्होंने कहा कि फडणवीस ने नक्सल प्रभावित इलाके गढ़चिरौली में जो विकास के काम किए हैं, वे पूरे महाराष्ट्र के लिए प्रेरणा हैं।

उद्धव-फडणवीस के संबंध में हो सकता है सुधार?

आदित्य ठाकरे आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात अलग-अलग मुद्दों पर होनी है। सीएम बनने के बाद फडणवीस और आदित्य ठाकरे की यह तीसरी मुलाकात है।

महाराष्ट्र में कॉर्पोरेशन, नगर निगम और स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में भाजपा और शिवसेना के रिश्तों में सुधार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

सामना में फडणवीस की तारीफ करना, क्या उद्धव ठाकरे की कोई रणनीतिक चाल है या फिर यह महाराष्ट्र की राजनीति में किसी बड़े बदलाव का संकेत? यह तो समय ही बताएगा। लेकिन इतना जरूर है कि राज्य की राजनीति में कुछ दिलचस्प होने वाला है।

दिल्ली चुनाव पर दो धड़ों में बंट गई UBT?

दिल्ली चुनाव को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) में मतभेद सामने आ रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत का मानना है कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ते, तो यह बेहतर होता। वहीं, शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आम आदमी पार्टी का समर्थन करते हुए कहा है कि दिल्ली में भाजपा को हराना प्राथमिकता होनी चाहिए। इन विरोधाभासी बयानों के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या उद्धव ठाकरे की शिवसेना दो धड़ों में बंट गई है? पार्टी के नेता एकजुट होकर बयान क्यों नहीं दे पा रहे हैं?

आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल हमेशा बीजेपी की गलत नीतियों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाते रहे हैं। इसलिए, उनका समर्थन करना हमारे लिए जरूरी है। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के नेता आनंद दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस भी महागठबंधन का अहम हिस्सा है, और दोनों का मुख्य लक्ष्य बीजेपी को हराना है। फिलहाल, इस पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।

 

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